भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में अपनी पहली जीत दर्ज कर शानदार वापसी की है। 18 वर्षीय गुकेश ने तीसरे दौर में चीन के मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर मुकाबले में अपना स्कोर 1.5-1.5 से बराबर कर लिया। यह जीत उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ यह संकेत देती है कि वह इस चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिता में अपनी जगह बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
तीसरे दौर में गुकेश की रणनीति:
- बेहतर तैयारी:
- गुकेश ने पहली बाजी में हार के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया और स्पष्ट रूप से बेहतर तैयारी दिखाई।
- उन्होंने पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रामनिक की रणनीति को अपनाया, जो उन्होंने भारत के अर्जुन एरिगेसी के खिलाफ एक रैपिड मैच में इस्तेमाल की थी।
- समय प्रबंधन:
- खेल की शुरुआत में ही गुकेश ने चालों में तेजी और सटीकता बनाए रखी।
- तेरहवीं चाल तक उनके पास लिरेन के मुकाबले लगभग एक घंटे की बढ़त थी।
- लिरेन ने शुरुआती चालों में ही अधिक समय खर्च कर दिया, जिससे अंत में उन्हें समय की कमी का सामना करना पड़ा।
- दबाव बनाना:
- गुकेश ने अपने सटीक और तेज़ चालों से लिरेन पर लगातार दबाव बनाए रखा।
- लिरेन की कुछ सहज गलतियों का गुकेश ने कुशलता से फायदा उठाया।
लIREन की कमजोरियां:
- समय का दबाव:
- लिरेन को अपनी चालों की गणना में गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा।
- आखिरी नौ चालों के लिए सिर्फ दो मिनट और छह चालों के लिए 10 सेकंड बचने के कारण लIREन समय प्रबंधन में पिछड़ गए।
- जटिलता का प्रभाव:
- खेल के बीच में स्थिति जटिल हो गई, जिससे लिरेन और अधिक दबाव में आ गए।
गुकेश का आत्मविश्वास:
- सफेद मोहरों से खेलते हुए जीत हासिल करने के बाद गुकेश ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा:
- “बहुत अच्छा लग रहा है। पिछले दो दिन मैंने अपने खेल को बेहतर किया। आज का प्रदर्शन और भी बेहतर था।”
- उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हराने में संतोष व्यक्त किया।
मुकाबले की स्थिति:
- पहली बाजी:
गुकेश को हार का सामना करना पड़ा। - दूसरी बाजी:
ड्रॉ। - तीसरी बाजी:
शानदार जीत। - अब तक का स्कोर:
दोनों खिलाड़ियों के पास 1.5-1.5 अंक।
आगे की चुनौती:
- चैम्पियनशिप में कुल 14 बाजियां हैं, और अब 11 मुकाबले शेष हैं।
- चौथी बाजी में गुकेश को लIREन के खिलाफ अपनी इस गति को बनाए रखना होगा।
गुकेश की उपलब्धि का महत्व:
- यह जीत न केवल गुकेश के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह भारत में शतरंज के बढ़ते प्रभुत्व का संकेत भी है।
- युवा खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने यह साबित किया है कि वह शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
गुकेश के प्रदर्शन पर पूरे देश की नजर है, और उनकी यह जीत भारत को शतरंज के वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकेत देती है।