बेलगावी में कांग्रेस अधिवेशन के पोस्टर में भारत के नक्शे से कश्मीर गायब होने की घटना राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है। बीजेपी ने इसे देशभक्ति और राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कांग्रेस पर हमला बोल दिया है। इस विवाद के केंद्र में कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन है, जिसे बेलगावी में आयोजित किया गया था और जिसका शताब्दी समारोह वर्तमान में मनाया जा रहा है।
विवाद का राजनीतिक महत्व:
- बीजेपी का आरोप: बीजेपी ने इस गलती को कांग्रेस की लापरवाही और देश के प्रति असंवेदनशीलता करार दिया है। यह मुद्दा राष्ट्रीय अखंडता और कश्मीर के महत्व से जुड़ा होने के कारण संवेदनशील है।
- कांग्रेस का बचाव: कांग्रेस ने इसे प्रिंटिंग प्रेस की गलती बताया और पोस्टर्स को तुरंत हटाने की बात कही है। लेकिन बीजेपी इसे मुद्दा बनाने में लगी हुई है, जिससे आगामी चुनावों में राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।
बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन का ऐतिहासिक महत्व:
- 1924 का अधिवेशन: महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित यह कांग्रेस का एकमात्र अधिवेशन था। इसे स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा जाता है।
- प्रमुख योगदान: गांधीजी ने यहां चरखा चलाने और स्वदेशी अपनाने की अपील की थी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।
- ऐतिहासिक उपस्थिति: इस अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू, मोतीलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू जैसे दिग्गज नेताओं ने भाग लिया था। 70,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति उस समय के लिए अभूतपूर्व थी।
- स्थल की विरासत: यह आयोजन बेलगावी के तिलकवाड़ी क्षेत्र में हुआ, जिसे अब गांधी स्मारक में बदल दिया गया है।
वर्तमान कार्यक्रम:
कांग्रेस ने शताब्दी समारोह के तहत शहर को भव्य रूप से सजाने और इस ऐतिहासिक अवसर को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की उपस्थिति इसे और महत्वपूर्ण बना रही है।
विश्लेषण:
यह घटना कांग्रेस के लिए एक अप्रिय स्थिति पैदा कर सकती है, खासकर जब बीजेपी इसे राष्ट्रवाद के मुद्दे से जोड़कर प्रचारित कर रही है। हालांकि कांग्रेस इस विवाद को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश करेगी, लेकिन इसे लेकर उठे राजनीतिक सवाल अधिवेशन के उद्देश्यों को प्रभावित कर सकते हैं।