ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। शुक्रवार, यानी जुम्मे की नमाज के दिन, शिया बहुल इलाकों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। प्रशासन को आशंका है कि इस्लामिक भावनाओं के मद्देनज़र ईरान पर हमले के विरोध में विरोध प्रदर्शन या हिंसा भड़क सकती है।
क्या है ईरान-इजराइल विवाद?
हाल के दिनों में ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान पर हमला किया, जिसके बाद ईरान के कई हिस्सों में सायरन बजने लगे और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। इजराइल ने भी आपातकाल घोषित कर दिया और दोनों देशों ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए। इस स्थिति का वैश्विक प्रभाव तो है ही, भारत में खासकर कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है।
कश्मीर में क्यों विशेष सतर्कता?
कश्मीर में विशेष तौर पर शिया समुदाय की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है।
- शुक्रवार की नमाज के बाद शिया समुदाय में भावनात्मक प्रतिक्रियाओं की आशंका जताई जा रही है।
- सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि इससे विरोध प्रदर्शन या सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है।
- पहले से ही 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में हालात संवेदनशील बने हुए हैं।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें देशी और विदेशी नागरिक दोनों शामिल थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाकर कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया और हमले में शामिल स्थानीय सहयोगियों को भी पकड़ लिया। इस घटना के बाद से घाटी में सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही अलर्ट पर हैं।
विमान सेवाओं पर असर
ईरान द्वारा एयरस्पेस बंद करने और सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को वापस बुला लिया है। हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि अधिकतर फ्लाइट्स सामान्य हैं और यात्रियों को एयरलाइंस से सीधे जानकारी लेने की सलाह दी गई है। सोशल मीडिया की अफवाहों पर भरोसा न करने की चेतावनी भी दी गई है।
निष्कर्ष:
ईरान-इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष का असर सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव भारत के संवेदनशील इलाकों, खासकर जम्मू-कश्मीर पर भी पड़ रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित प्रतिक्रिया को रोकने के लिए अलर्ट मोड पर हैं, ताकि शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे।