कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का राग अलापा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर में भारत सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है। इतना ही नहीं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की है। इन आरोपों का मुँहतोड़ जवाब देते हुए भारत ने कहा कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से चलने वाला मुल्क ज्ञान दे रहा है।
शहबाज शरीफ ने कहा, “फिलिस्तीन के लोगों की तरह जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्म-निर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है।” उन्होंने भारत पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की प्रतिबद्धताओं से मुकरने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, इस्लामी प्रोपगेंडा फैलाने वाले ट्रॉल्स की तरह ही शहबाज शरीफ ने आरोप लगाए।
उन्होंने भारत पर न्यायेतर हत्याओं (एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग), क्षेत्र में लंबे समय तक कर्फ्यू लगाने और अन्य कठोर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। शरीफ ने कहा, “उपनिवेशवादी प्रोजेक्ट के तहत भारत कश्मीरी जमीनों और संपत्तियों को जब्त कर रहा है और मुस्लिम बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक में बदलने की साजिश के तहत बाहरी लोगों को जम्मू और कश्मीर में बसा रहा है।”
शहबाज शरीफ ने यह आशंका जताई कि अगर पाकिस्तान किसी तरह का दुस्साहस करने की सोचता है तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं है। भारत की बढ़ती सैन्य क्षमताओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के नेतृत्व ने ‘नियंत्रण रेखा पार करने की धमकी’ दी है। हालाँकि उन्होंने अपनी कमजोर छिपाते हुए कहा कि पाकिस्तान जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
#WATCH | At UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan replies to Pakistani PM Shehbaz Sharif, says, "This assembly regrettably witnessed a travesty this morning. A country run by the military, with a global reputation for terrorism, narcotics, trade and transnational crime has… pic.twitter.com/ZpHxE6a5Py
— ANI (@ANI) September 28, 2024
शहबाज शरीफ ने इस्लामोफोबिया पर बहस वाले एक सेगमेंट में उन्होंने भारत में ‘हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडे’ को इस मुद्दे की ‘सबसे भयावह अभिव्यक्ति’ बताया। उन्होंने आगे कहा कि इसका उद्देश्य भारतीय मुसलमानों को वश में करना और ‘भारत की इस्लामी विरासत को मिटाना’ है।
शहबाज शरीफ को जवाब देते हुए UNGA में भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा, “आज इस सभा में दुर्भाग्य से एक हास्यास्पद घटना घटी। आतंकवाद, नशीले पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए विश्व में बदनाम सेना द्वारा संचालित एक देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया। मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रही हूँ।”
भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, “जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थस्थलों पर हमला किया है। यह सूची लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है।”
उन्होंने कहा, “धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले मुल्क के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर नजर गड़ाए हुए है और भारत के अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है। आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।”
आतंकवाद पर पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए भाविका मंगलनंदन ने कहा, “पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के परिणाम उसे निश्चित रूप से भुगतने होंगे। यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है।”
उन्होंने कहा, “दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान क्या है। हम एक ऐसे देश की बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी। एक ऐसा देश, जिसकी उंगलियों के निशान दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला झूठ से करने की कोशिश करेगा। बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है।”