ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी के “सरेंडर” वाले बयान को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय सम्मान का बचाव करते हुए कहा कि भारत ने कभी किसी से मध्यस्थता नहीं मांगी, वहीं भाजपा ने राहुल गांधी पर भारतीय सेना और प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया है।
शशि थरूर का बयान – ठोस, पर संतुलित
- शशि थरूर फिलहाल अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में हैं और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के आउटरीच मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं।
- उन्होंने स्पष्ट किया:
“हमने कभी किसी से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा। अगर पाकिस्तान आतंक के ढांचे को खत्म करने जैसे गंभीर कदम उठाता है तो हम बात कर सकते हैं – और इसके लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं।”
- उन्होंने अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति सम्मान व्यक्त किया, लेकिन राष्ट्रीय नीतियों पर भारत की स्वतंत्रता को रेखांकित किया।
#WATCH वाशिंगटन डीसी: राहुल गांधी के हालिया बयान और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति हमारे मन में बहुत सम्मान है। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से… pic.twitter.com/Z2agNh1ocg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2025
राहुल गांधी का आरोप – मोदी सरकार ने ट्रंप के फोन पर “सरेंडर” किया
- राहुल गांधी ने कहा कि:
“1971 में इंदिरा गांधी ने अमेरिका के 7वें बेड़े के आने पर भी झुकने से इनकार कर दिया, जबकि नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के फोन पर सरेंडर कर दिया।”
- उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर यह आरोप लगाया कि ये असली दबाव में टिकते नहीं हैं और हमेशा “झुक जाते हैं।”
- इस बयान के जरिये कांग्रेस, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई कूटनीतिक कार्रवाई को निशाने पर ले रही है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में।
भाजपा का पलटवार – राहुल ने सेना का अपमान किया
- भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा:
“यह न केवल प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि भारतीय सेना और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का अपमान है।”
- उन्होंने राहुल की तुलना पाकिस्तान के नेताओं और आतंकियों से करते हुए कहा कि उनके बयान “बीमार और खतरनाक मानसिकता” को दर्शाते हैं।
- त्रिवेदी ने नेहरू-गांधी परिवार के अतीत के फैसलों की ओर भी इशारा किया, जैसे:
- 1962 में चीन युद्ध
- कश्मीर मुद्दे पर यूएन में जाना
- पाकिस्तान के साथ समझौतों में नरमी
निष्कर्ष:
- शशि थरूर ने विदेश नीति पर पार्टी लाइन से अलग राजनयिक संतुलन रखा।
- राहुल गांधी का तीखा राजनीतिक हमला भाजपा को कठघरे में खड़ा करता है, लेकिन सेना के ऑपरेशन को घसीटने पर विवाद बढ़ गया।
- भाजपा इस मौके को राष्ट्रवाद के रूप में भुना रही है, कांग्रेस पर सेना को नीचा दिखाने का आरोप लगाकर।