भारत के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। 26 मई 2025 को लॉन्च की गई ‘भारत फोरकास्ट सिस्टम’ (BFS) न केवल भारत की तकनीकी शक्ति को दर्शाता है, बल्कि इससे जलवायु आपदाओं, खेती, रक्षा, आपदा प्रबंधन और आर्थिक नीति जैसे क्षेत्रों में निर्णायक सुधार संभव होगा।
भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS): मुख्य विशेषताएँ
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दुनिया की सबसे सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली, जो 6 किमी रिज़ॉल्यूशन पर काम करती है।
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अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के मॉडलों (9–14 किमी रेजोल्यूशन) से कहीं अधिक सटीक।
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विकसित किया गया है IITM पुणे द्वारा, और यह स्वदेशी हाई रिज़ॉल्यूशन ग्लोबल फोरकास्ट मॉडल (HGFM) पर आधारित है।
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पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित।
#WATCH | Delhi: On IMD (India Meteorological Department), Union Minister Dr Jitendra Singh says, "The time has come to see what will be our contribution to our target of 2047 in the context of IMD… We have succeeded in backing IMD in bringing India's economy to the top level,… pic.twitter.com/rnly2FPaZI
— ANI (@ANI) May 26, 2025
सुपरकंप्यूटर ‘अर्का’ द्वारा संचालित
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11.77 पेटाफ्लॉप्स की कंप्यूटिंग स्पीड।
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33 पेटाबाइट्स स्टोरेज क्षमता।
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मौसम मॉडल चलाने का समय घटकर 4 घंटे हुआ, जो पहले 10 घंटे था।
महिला वैज्ञानिकों का नेतृत्व
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यह प्रणाली चार प्रमुख महिला वैज्ञानिकों के नेतृत्व में विकसित हुई:
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डॉ. सुवर्णा फडनवीस
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डॉ. स्वप्ना पनिक्कल
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डॉ. सुष्मिता जोसेफ
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डॉ. मेधा देशपांडे
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यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘नारी शक्ति’ के विज़न को भी सशक्त रूप से दर्शाता है।
The all-women-led team behind the first-of-its-kind, state-of-the-art indigenous “Bharat Forecast System” #BharatFS, launched by the India Meteorological Department under the Ministry of Earth Sciences.
A brilliant reflection of PM Sh @narendramodi's push for greater women… pic.twitter.com/VuJANvbY84
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) May 26, 2025
प्रभाव और उपयोगिता
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अब हर गाँव तक सटीक मौसम पूर्वानुमान संभव।
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कृषि क्षेत्र को बड़ा लाभ, बारिश और हीटवेव की बेहतर जानकारी।
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30% तक अधिक सटीक वर्षा पूर्वानुमान, मानसून कोर क्षेत्र की सटीकता 64% तक।
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BFS का कवरेज क्षेत्र: 30° उत्तर से 30° दक्षिण अक्षांश तक, यानी उष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहाँ भारत समेत अनेक विकासशील देश हैं।
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40 डॉपलर वेदर रडार से समन्वय, जिन्हें सरकार बढ़ाकर 100 करने की योजना बना रही है।
राष्ट्रीय महत्व
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BFS के डेटा पर 20+ मंत्रालय निर्भर होंगे – जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, परिवहन, ऊर्जा आदि।
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ये प्रणाली राष्ट्रीय संपत्ति की तरह काम करेगी – आपदाओं से बचाव और योजना में सहायक।
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भारत को वैश्विक मौसम विज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
Launched first indigenously developed world-class high-resolution weather forecast system, "Bharat Forecast System" #BharatFS.
As India celebrates the rise of her economy to Rank 4 and looks forward to moving up to Rank 1, the forecast precision aims to consolidate India's… pic.twitter.com/Fm1H5nRpl6
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) May 26, 2025
तकनीकी दृष्टिकोण से विशेष
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Triangular Cubic Octahedral Grid (TCO Grid): यह पृथ्वी की सतह को समान रूप से विभाजित करता है और पूर्वानुमान को ज्यादा यथार्थ बनाता है।
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इससे ‘नाउकास्टिंग’ (2 घंटे के भीतर पूर्वानुमान) भी अधिक सटीक होगा।
भारत ने इस प्रणाली के माध्यम से न केवल मौसम पूर्वानुमान में आत्मनिर्भरता पाई है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने का भारत का सामर्थ्य भी दर्शाता है।