प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को व्यापार और निवेश मंत्रियों की जी-20 बैठक (G20 meeting) को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एमएसएमई 60 से 70 प्रतिशत रोजगार के लिए जिम्मेदार है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 50 प्रतिशत का योगदान देता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमें उचित मूल्य खोज, शिकायत निवारण तंत्र में उपभोक्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है।
‘एमएसएमई को हमारे निरंतर समर्थन की आवश्यकता है’
पीएम मोदी ने कहा एमएसएमई को हमारे निरंतर समर्थन की आवश्यकता है। एमएसएमई का सशक्तिकरण सामाजिक सशक्तिकरण में तब्दील हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए एमएसएमई का मतलब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अधिकतम समर्थन है।
PM Shri @narendramodi's address at the G20 Meeting of Trade and Investment Ministers. https://t.co/x9a9Vt71ja
— BJP (@BJP4India) August 24, 2023
‘डिजिटलीकरण का विस्तार किया, नवाचार को बढ़ावा दिया’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम वैश्विक आशावाद, भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास देखते हैं। भारत को खुलेपन और अवसरों के संयोजन के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि हमने प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई है, पारदर्शिता बढ़ाई है, डिजिटलीकरण का विस्तार किया है और नवाचार को बढ़ावा दिया है।
‘विश्वास का पुनर्निमाण करना हमारी जिम्मेदारी है’
जयपुर में व्यापार और निवेश मंत्रियों की जी20 बैठक में अपने वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि G20 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास का पुनर्निर्माण करना हमारी जिम्मेदारी है। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के मानचित्रण के लिए एक सामान्य ढांचा बनाने का भारत का प्रस्ताव महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा – “मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल से विनिर्माण को बढ़ावा मिला है। हम अगले कुछ वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान, भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया है। यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है।”