संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थाई प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान के कबूलनामे को ही सबूत के रूप में पेश करते हुए जमकर पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी। उन्होने कहा कि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कबूलनामा ये साबित करने के लिए काफी है कि इनका आतंकवाद को बढ़ावा देने का इतिहास रहा है जो पाकिस्तान को एक दुष्ट देश के रूप में स्थापित करता है।
#WATCH | Ambassador Yojna Patel, India's Deputy Permanent Representative at the UN says, "The Pahalgam terrorist attack represents the largest number of civilian casualties since the horrific 26/11 Mumbai attacks in 2008. Having been a victim of cross-border terrorism for… pic.twitter.com/ltwQxJN2iP
— ANI (@ANI) April 29, 2025
आतंकवाद के शिकार देशों के नेटवर्क की शुरुआत के अवसर पर बोलते हुए उन्होने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने इस मंच का दुरुपयोग करने और इसे कमजोर करने का विकल्प चुना है ताकि वह दुष्प्रचार में शामिल हो सके और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगा सके।”
आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण, फंडिंग दे रहा पाकिस्तान – भारत
उन्होने कहा कि “पूरी दुनिया ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और पैसे देने के पाकिस्तान के अतीत को स्वीकार करते हुए सुना है। यह रक्षा मंत्री का खुला कबूलनामा है जो किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं करता है बल्कि पाकिस्तान को एक दुष्ट राज्य के रूप में उजागर करता है जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। दुनिया अब और आंखें मूंद कर नहीं रह सकती।”
योजना पटेल ने कहा कि 2008 के मुंबई धमाके के 17 साल बाद पहलगाम में आतंकी हमले में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारत लगातार सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है इसलिए आतंकवादी हमले के असर को बखूबी समझता है।
दुनिया ने इस हमले की तीखी आलोचना की है और ज्यादातर अहम देशों के नेताओं का समर्थन भारत को मिला है। ऐसे में पाकिस्तान जबरदस्ती प्रोपेगैंडा फैलाकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान का आतंकियों को फंडिंग करने का इतिहास रहा है । उन्होने कहा था कि” पिछले 30 सालों से पाकिस्तान इस गंदे काम को अमेरिका के लिए करता रहा है।”
ख्वाजा आसिफ ने इंटरव्यू के दौरान स्वीकार किया था कि “लश्कर ए तैयबा का पाकिस्तान से कनेक्शन रहा है। यहां लश्कर के कई लिंक हैं हालाँकि अब ये संगठन खत्म हो चुका है।”