भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में भारत ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु विस्फोटक बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह विस्फोटक ट्राइनाइट्रोटोलुइन (टीएनटी) की तुलना में दोगुने से भी अधिक घातक है। इस विस्फोटक को सेबेक्स 2 नाम दिया गया है। इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है।
पूरी दुनिया में मांग हो सकती है
नई विधि से तैयार सेबेक्स 2 की खासियत यह है कि यह बिना वजन बढ़ाए बम, गोले की मारक क्षमता बढ़ाने में सक्षम है। इसी वजह से इसकी पूरी दुनिया में मांग हो सकती है। इससे न केवल सशस्त्र बन की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी, बल्कि रक्षा निर्यात के क्षेत्र को भी पंख लगने की उम्मीद है। उच्च टीएनटी वाले विस्फोटकों में अधिक मारक क्षमता और विनाशकारी शक्ति होती है।
मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया सेबेक्स 2
नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी इकोनमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सेबेक्स 2 समेत तीन नए विस्फोटक फार्मूलेशन विकसित किए हैं। सोलर इंडस्ट्रीज के अधिकारियों ने कहा, ईईएल ने तीन नए विस्फोटक फार्मूलेशन विकसित किए हैं, जो मारक क्षमता में वृद्धि के साथ सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
भारत में अभी इस्तेमाल किया जा रहा सबसे शक्तिशाली पारंपरिक विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में इस्तेमाल हो रहा है। यह लगभग 1.50 टीएनटी का है। डेंटेक्स/टारपेक्स जैसे पारंपरिक विस्फोटक, जिनका उपयोग दुनिया भर में पारंपरिक वारहेड्स, हवाई बमों और कई अन्य गोला-बारूद में किया जाता है, उनकी टीएनटी तुल्यता 1.25-1.30 होती है। ईईएल एक अन्य वैरिएंट पर भी काम कर रहा है, जिसमें विस्फोटक शक्ति टीएनटी से 2.3 गुना अधिक होगी।
नौसेना ने थर्मोबैरिक विस्फोटक को भी स्वीकृति दी
ईईएल को विश्वास है कि यह छह महीने के भीतर तैयार हो जाएगा। नौसेना ने थर्मोबैरिक विस्फोटक को भी स्वीकृति दी है। सिटबेक्स 1 भीषण गर्मी पैदा करने के साथ लंबे समय तक विस्फोट करता रहता है, जिससे यह दुश्मन के बंकरों, सुरंगों और अन्य किलेबंद ठिकानों को नष्ट करने के लिहाज से बेजोड़ है। नौसेना से प्रमाणित तीसरा विस्फोटक सिमेक्स 4 विस्फोटकों की तुलना में भंडारण, परिवहन और संचालन के लिए अधिक सुरक्षित है।
2.01 टीएनटी की क्षमता वाला- SEBEX-2
SEBEX 2 एक नया विस्फोटक फॉर्मूलेशन है। बताया जा रहा है कि ये फॉर्मूलेशन वर्तमान में मौजूद किसी भी ठोस विस्फोटक की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली विस्फोट पैदा करता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि किसी भी विस्फोटक का प्रदर्शन TNT से मापा जाता है। जितना ज्यादा TNT की शक्ति उतना ही बड़ा धमाका।
वर्तमान में मौजूद पारंपरिक विस्फोटक डेंटेक्स/टॉरपेक्स जिन्हें पारंपरिक हथियारों, हवाई बमों और कई अन्य गोला-बारूद में इस्तेमाल किया जाता है, उनकी TNT की क्षमता 1.25-1.30 है। ब्रह्मोस वारहेड को भरने के लिए HEMEX का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी TNT क्षमता 1.50 है। इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड की कोशिश है कि आने वाले 6 महीने में TNT की क्षमता को को 2.3 तक बढ़ा लिया जाए।
2. थर्मोबैरिकपॉलीमर-बॉन्डेडएक्सप्लोसिव- SITBEX-1
सॉलिड थर्मोबेरिक विस्फोटक को रिच फ्यूल विस्फोटक के रूप में भी जाना जाता है। ये विस्फोटक पारंपरिक विस्फोटकों के मुकाबले ज्यादा तबाही मचाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। पारंपरिक विस्फोटक सिंगल पॉवरफुल ब्लास्ट पर केंद्रित होते हैं। लेकिन सॉलिड थर्मोबेरिक विस्फोटक लंबी विस्फोट अवधि भारी गर्मी पैदा करते हैं।
3. न्यू इंटेंसिटिव एक्सप्लोजिव फॉर्मूलेशन- SIMEX-4
इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड ने नौसैनिक हथियारों में उपयोग के लिए एक नया इंटेंसिटिव एक्सप्लोजिव फॉर्मूलेशन भी तैयार किया है जिसे SIMEX-4 नाम दिया गया है। इस विस्फोटक को शॉक सेंसिटिविटी और क्रिटिकल डायमीटर के अनुसार मापा गया है।