भारत ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन में स्थित बगलिहार बांध के दो दरवाजे खोल दिए। रामबन में भारी बारिश के बाद चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध (बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट डैम) का जलस्तर बढ़ने के बाद इसके दरवाजे खोल दिए गए हैं। बताते चलें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में सैलानियों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सभी बांध के दरवाजों को बंद कर दिया था, जिनके जरिए पाकिस्तान में पानी जाता था।
1️⃣बगलिहार और सलाल बांधों के गेट खोलना: रणनीतिक + पर्यावरणीय फैसला
🔹 मुद्दा | 🔸 विवरण |
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कारण | जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ा। |
प्रभाव | चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध और सलाल बांध के गेट खोलने पड़े। |
पाकिस्तान पर असर | दोनों बांधों से छोड़े गए पानी से पाकिस्तान में संभावित बाढ़ का खतरा। |
22 अप्रैल के बाद बंद गेट | पहलगाम हमले के बाद भारत ने पानी भेजना रोक दिया था (सामरिक दबाव के तहत)। अब भारी वर्षा के कारण खोले गए हैं। |
2️⃣ रामबन में आपदा प्रबंधन और NH-44 पर मडस्लाइड
🔹 स्थिति | 🔸 विवरण |
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भारी वर्षा और बादल फटना | रामबन जिले में बाढ़ और मडस्लाइड की कई घटनाएं हुईं। |
NH-44 क्षतिग्रस्त | यह जम्मू-श्रीनगर को जोड़ने वाला मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग है। |
प्रशासन की कार्रवाई | डीसी बसीर-उल-हक चौधरी के अनुसार, यातायात बहाल करने की कोशिशें जारी हैं और लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है। |
3️⃣ ऑपरेशन सिंदूर का विस्तार – पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना
🔹 समयसीमा | 🔸 विवरण |
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शुरुआत | 6 और 7 मई की रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। |
कार्रवाई | पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले — ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट्स का प्रयोग। |
पाक की प्रतिक्रिया | बौखलाकर पाकिस्तान ने कश्मीर के पूंछ में नागरिकों पर हमला किया, जिससे निर्दोष लोगों की जान गई। |
रणनीति और संकेत
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जल कूटनीति का इस्तेमाल – भारत ने सिंधु जल संधि के दायरे में रहकर भी “पानी को एक दबाव उपकरण” के रूप में इस्तेमाल किया।
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जलवायु और सैन्य रणनीति का संयोग – पर्यावरणीय आपदा से उपजे हालातों में भारत ने कूटनीतिक रूप से मजबूती से कदम उठाया।
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जवाबी कार्रवाई का चरणबद्ध विस्तार – ऑपरेशन सिंदूर एक मल्टी-फेज़ सैन्य कार्रवाई बनता जा रहा है, जो पाकिस्तान को अंदरूनी और वैश्विक स्तर पर कमजोर कर रहा है।
भारत ने सैन्य और कूटनीतिक संतुलन के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा प्रबंधन में भी प्रभावी और मापी हुई रणनीति अपनाई है। जल नीति से लेकर सैन्य अभियान तक, हर कदम का संदेश स्पष्ट है: भारत अब किसी भी आतंकी हमले का जवाब “सटीक, निर्णायक और बहुआयामी” रूप में देगा।