भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल की यात्रा के ‘लोगो’ का अनावरण करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मौसम और जलवायु के पैटर्न में बहुत तेजी से बदलाव हो रहे हैं. अगर हम अपने देश की बात करें तो कुछ साल पहले तक जिन राज्यों में सिर्फ बाढ़ आती थी अब वहां सूखा होने लगा है और जहां सूखा होता था वहां बारिश हो रही है. इन परिस्थितियों में भारतीय मौसम विभाग की भूमिका बेहद अहम और चुनौतीपूर्ण हो जाती है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज IMD को आम लोगों से जोड़ने की जरूरत है. हमारे देश के किसान हों, मछुआरे हों या फिर अन्य लोग, आज हर कोई किसी न किसी रूप में IMD से जुड़ा हुआ है. हर कोई मौसम की चेतावनी को जानना चाहता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि आने वाले सालों में भारत मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भी ग्लोबल लीडर बन सकता है.
उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियां भी बढ़ीं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये सच है कि पिछले 150 सालों में आईएमडी ने देश की विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाई है लेकिन आज हमारे सामने कई चुनौतियां भी हैं. क्योंकि बादल फटने की घटना की मॉनिटरिंग और उसका पूर्वानुमान एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. हालांकि बादल फटने की घटनाओं की मॉनिटरिंग अत्याधुनिक तकनीक से की जा रही है ताकि वक्त रहते इसका पता लगाया जा सके लेकिन अभी इस दिशा में और काम करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि साइक्लोन यानी चक्रवात से जुड़े पूर्वानुमान को और बेहतर और सटीक करने के लिए भी हम पहले से आधुनिक तकनीक का सहारा ले रहे हैं. जबकि भू-विज्ञान अर्थ-साइंस यानी भूकंप का पता लगाने में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. हालांकि हम लोग इस दिशा में सतत प्रयास कर रहे हैं.
स्कूल, कॉलेज में फोकस करने की बात कही
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान कहा कि स्कूल-कॉलेज के बच्चों को हमें जोड़ना है. उनके साथ हमें बातचीत करनी है. इससे साइंस के क्षेत्र में बच्चों में रुचि बढ़ाने में बहुत सफलता मिलेगी, जोकि बेहद जरूरी है. बच्चों का रुझान जितना साइंस की तरफ बढ़ेगा, उतना हमारा भविष्य बेहतर होगा.
किरेन रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का जो सपना देखा है उसे साकार करने में भारतीय मौसम विभाग बड़ी भूमिका निभाएगा. भारतीय मौसम विभाग की स्थापना की 150 साल पूरे हो चुके हैं. इन 150 सालों की यात्रा को हम 15 जनवरी 2024 से सेलिब्रेट करेंगे जिसमें देश भर में कई अलग-अलग तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे.