गुरुवार को संगलधान से रियासी रेलवे स्टेशन तक दस डिब्बों वाली ट्रेन का ट्रायल रन पूरी तरह से सफल रहा। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान ट्रेन विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज से होकर गुजरी। दोपहर लगभग बारह बजे, ट्रेन संगलधान से रियासी के लिए रवाना हुई और दोपहर करीब दो बजे रियासी पहुंची। रियासी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आगमन पर ‘भारत माता की जय’ के जयघोष गूंज उठे। इस ट्रायल रन में परियोजना पर काम करने वाले कर्मचारियों और रेलवे अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिससे वह इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने।
पूर्व सरपंच राज कुमार शर्मा ने बताया कि बीस वर्षों के बाद लोगों का सपना साकार हुआ है। जब यह परियोजना शुरू हुई थी, तब अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। रेलवे ने पहाड़ों को काटकर मार्ग तैयार किए और फिर टनल बनाए गए। आज, ट्रेन का इंजन कुछ डिब्बों के साथ आया है, लेकिन आने वाले दिनों में पूरी ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी।
रेलवे स्टेशन रियासी से ढुगगा तक ट्रेन यात्रा करने वाले यात्रियों ने इसे ऐतिहासिक घटना बताया। रियासी में लगभग बीस मिनट रुकने के बाद, ट्रेन वापस रवाना हुई। अब इस ट्रेन का फाइनल ट्रायल 27 और 28 जून को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद, उम्मीद की जा रही है कि इस माह के अंत तक ट्रेन को रियासी से कश्मीर तक चलाया जा सकेगा, जिससे इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत होगी।
बता दें कि यह ट्रायल रन न केवल रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि रियासी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने उनके लंबे समय से देखे गए सपने को साकार होते देखा है।