प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को डिजिटल माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन यानी कि SCO की शिखर बैठक की मेजबानी की। बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हिस्सा लिया। बैठक में जहां एक तरफ क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई, वहीं दूसरी तरफ ईरान का SCO के नए स्थायी सदस्य के रूप स्वागत किया गया। आइए, आपको उन 10 बड़ी बातों के बारे में बताते हैं जिनकी वजह से यह SCO समिट खास रहा:
1:पीएम मोदी का पाकिस्तान पर निशाना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंतकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा करार देते हुए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। खास बात यह है कि जब पीएम मोदी यह बात कह रहे थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी वर्चुअली वहीं मौजूद थे।
SCO Summit: PM Modi makes veiled attack at 'countries supporting cross-border terror' in Pak PM Sharif's presence
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2: मोदी ने अफगानिस्तान का भी जिक्र किया – अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं SCO के अधिकांश देशों के समान हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और पिछले 2 दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास में काफी योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह जरूरी है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या चरमपंथी विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।
SCO Meet: PM Modi focuses on situation in Afghanistan, calls for inclusive govt
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3: शहबाज ने भी की आतंकवाद पर बात – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद के ‘कई सिर वाले राक्षस’ से पूरी ताकत और दृढ़ता के साथ लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे को कूटनीतिक फायदे के लिए हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल करने के खिलाफ भी आगाह किया। शरीफ ने कहा, ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद की साफ और कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। चाहे कारण या बहाना कुछ भी हो, बेगुनाह लोगों के कत्ल का कोई औचित्य नहीं हो सकता है।’
4: शहबाज ने उठाया धार्मिक अल्पसंख्यकों का मुद्दा – शहबाज शरीफ ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भी किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि ‘घरेलू राजनीतिक एजेंडे के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नकारात्मक रूप से दिखाने के चलन को रोका जाना चाहिए।’ शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को भी उठाने की कोशिश की और लंबित विवादों के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की 3 बुराइयों के बारे में भी बात की और SCO देशों से इन बुराइयों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
5: ईरान की हुई SCO क्लब में एंट्री – ईरान SCO का नया स्थायी सदस्य बन गया। SCO की ऑनलाइन समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावशाली ग्रुप का पूर्ण सदस्य बनने पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और वहां के लोगों को बधाई दी। मोदी ने कहा, ‘मैं इस मौके पर राष्ट्रपति रईसी और ईरान के लोगों को बधाई देता हूं। हम बेलारूस की एससीओ सदस्यता के लिए मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर हस्ताक्षर करने का भी स्वागत करते हैं। आज SCO में शामिल होने के लिए अन्य देशों की रुचि इस संगठन के महत्व का प्रमाण है।’
We can maximise use of Chabahar Port after Iran's SCO membership: PM Modi
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6: पुतिन ने बताया क्या हैं रूस के हालात – रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूसी समाज ने सशस्त्र विद्रोह के प्रयासों के खिलाफ एकजुटता दिखायी है और लोगों ने देश की सुरक्षा को लेकर अपनी जवाबदेही प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा, ‘रूसी लोग पहले से अधिक एकजुट हैं। देश की खातिर एकजुटता और उच्च जिम्मेदारी का स्पष्ट तौर पर प्रदर्शन किया गया और सशस्त्र विद्रोह के खिलाफ पूरे समाज ने एकजुटता का प्रदर्शन किया।’ पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में रूस में प्राइवेट सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ ने मॉस्को के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। हालांकि, यह बगावत कुछ ही समय तक रही।
7: जिनपिंग ने की BRI की वकालत – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बैठक में SCO के सदस्य देशों से क्षेत्रीय शांति और साझी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया और आर्थिक सुधार को गति प्रदान करने के लिए व्यावहारिक सहयोग की वकालत की। शी ने साथ ही अरबों डालर के BRI प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न देशों की विकास रणनीति एवं क्षेत्रीय सहयोग पहल के जरिये उच्च गुणवत्तापूर्ण सहयोग की वकालत की। BRI के तहत ही 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की शुरूआत की गई है। भारत ने इस पर गंभीर आपत्ति दर्ज की है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
8: मोदी ने BRI पर इशारों में साधा निशाना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO की बैठक में साफ किया कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए मजबूत सम्पर्क का होना बहुत जरूरी है, लेकिन इन प्रयासों में सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है। प्रधानमंत्री के इस बयान को चीन के BRI से जोड़ कर देखा जा रहा है। चीन की विभिन्न देशों को जोड़ने के लिए आधारभूत ढांचे के विकास संबंधी BRI प्रोजेक्ट की दुनिया में अलोचना बढ़ रही है।
9: मोदी ने अन्य संकटों पर भी की बात – पीएम मोदी ने कहा, ‘वर्तमान समय में वैश्विक स्थिति एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। विवादों, तनावों और महामारी से घिरे विश्व में खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक संकट सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है। हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ है? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है? क्या SCO एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है?’ मोदी ने कहा कि भारत SCO के सुधार तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रस्ताव का समर्थन करता है।
10: मोदी ने की 2 मूलभूत सिद्धांतों की बात – बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि इन सभी प्रयासों को हमने 2 मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है। इसमें पहला बसुधैव कुटुम्बकम यानी पूरी धरती हमारा परिवार है और दूसरा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने SCO में सहयोग के 5 नए स्तंभ बनाए हैं जिसमें स्टार्टअप एवं नवाचार, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशिता और युवा सशक्तीकरण, साझी बौद्ध धरोहर शामिल हैं।