प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने पिछले नौ वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री ने यह बात नई दिल्ली के प्रगति मैदान में बने ‘भारत मंडपम’ में एक बड़े खाद्य कार्यक्रम ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वाद और प्रौद्योगिकी का यह मिश्रण एक नए भविष्य को जन्म देगा और एक नई अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। इस बदलते समय में, 21वीं सदी में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इसीलिए वर्ल्ड फूड इंडिया जैसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को अब एक उभरते हुए क्षेत्र की तरह देखा जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ है। यह भारत सरकार की उद्योग-समर्थक और किसान-समर्थक नीतियों के कारण है। हमने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए पीएलआई की स्किम प्रारंभ की है।
उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को लीड करने की स्वाभाविक क्षमता है। इसके लिए हर स्तर पर महिलाओं को कुटीर उद्योगों और एसएचजीएस को प्रमोट किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जितनी सांस्कृतिक विविधता है, उतनी ही खाद्य विविधता भी है। आज जिस तरह पूरी दुनिया में भारत के प्रति जिज्ञासा बढ़ी है, वो भी आप सभी के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है।