साल 2023 भारतीय डिप्लोमेसी के लिहाज के बेहद खास वर्ष रहा है. इस साल भारत ने दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की अध्यक्षता की.
जी 20 समिट के दौरान तमाम राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंचे थे और भारत पूरे साल विश्व चर्चा का केंद्र भी बना रहा. लेकिन, खास बात ये रही कि इन इंवेंट्स के अलावा भी भारत में इस साल जर्मनी, इटली सहित 7 बड़े देशों के नेता नई दिल्ली पहुंचे.
इन नेताओं का भारत दौरे पर आना साफ संदेश देता है कि भारत के साथ विदेशों के रिश्ते तेजी से बढ़ रहे है.
ऐसे में इस रिपोर्ट में जानते हैं कि इस साल भारत में किस किस देश के नेता दिल्ली पहुंचे, इस दौरे के दौरान क्या क्या हुआ और इसका भारत की कूटनीति पर क्या असर पड़ा…
1. जर्मन चांसलर की भारत यात्रा
इस साल की शुरुआत में सबसे पहले भारत पहुंचने वाले नेता थे जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज. वह दो-दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे. चांसलर स्कोल्ज की यह यात्रा इसलिए भी खास थी क्योंकि उनकी 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद वह पहली बार भारत आए थे.
इतना ही नहीं स्कोल्ज पहले किसी अन्य देश के मंत्री है जिन्होंने भारत में स्टैंडअलोन यात्रा की है.
जर्मन चांसलर के इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान उनकी और पीएम मोदी के बीच कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय पर चर्चा हुई. साथ ही जर्मनी ने हरित और सतत विकास में साझेदारी को लेकर भारत में अपने विकास सहयोग के तहत 10 बिलियन की नई और अतिरिक्त प्रतिबद्धता को सहमति दी है.
साथ ही हरित हाइड्रोजन में सहयोग की बात की गई. इसके अलावा भी कई पहलुओं पर समझौता हुआ और हस्ताक्षर किए गए.
इस यात्रा के दौरान जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैंने भारत का दौरा किया था तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है. यह देश वास्तव में विकास कर रहा है.
2. इटली के प्रधानमंत्री का भारत यात्रा
2 से 3 मार्च को इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मिलोनी भारत पहुंची थी. यह यात्रा दोनों देशों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह जियोर्जिया की पहली आधिकारिक यात्रा थी. इस दौरान भारत-इटली संबंधों को रणनीतिक साझेदार के तौर पर बढ़ाने की बात की गई.
दोनों देशों के बीच आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो भारत इटली स्टार्टअप ब्रिज की घोषणा की गई, प्रवासन और गतिशीलता पर आशय की घोषणा की गई. साथ ही ये भी तय किया गया कि दोनों देश मिलकर संयुक्त सैन्य अभ्यास को रेगुलर करने की कोशिश करेंगे.
यात्रा के दौरान मीडिया से बात करते हुए जॉर्जिया मेलोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ कर डाली. उन्होंने कहा कि, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जिस रेटिंग पर पहुंच गए हैं, वो दुनिया के सबसे चहेते नेताओं में से एक हैं. ये वास्तव में साबित भी हो गया है कि वो दुनियाभर के नेताओं में एक प्रमुख नेता है, इसके लिए बधाई.”
3. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज 8 से 11 मार्च को चार दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे थे. बतौर प्रधानमंत्री इनकी भी यह पहली भारत यात्रा थी. एंथनी ने अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत साबरमती आश्रम से की थी. वहां पर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी.
इस यात्रा के बाद अल्बनीज ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, कि वह एक शानदार मेजबान हैं और हमारे बीच में गहरा संबंध कायम हुआ है. अल्बनीज ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा , ‘ साल 1991 में जब मैं यहां बैगपैकर था तब से भारत में बहुत बदलाव आया है लेकिन भारतीयों की गर्मजोशी पहले के जैसी ही मजबूत है.’
ऑस्ट्रेलिया के पीएम की इस यात्रा के बाद से भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध मजबूत हुए है. इस साल पहली बार भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाओं ने ऑस्ट्रेलिया के बाहर एक साथ अभ्यास किया.
इस यात्रा के बाद ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी ने कहा कि हिंद महासागर दोनों देशों की सुरक्षा और समृद्धि का केंद्र है. ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत एक शीर्ष स्तरीय सुरक्षा भागीदार है.
इसके अलावा दोनों देशों के बीच सौर टास्क फोर्स, ग्रीन हाइड्रोजन, खेल में सहयोग सहित कई समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए.
4. जापान के पीएम की भारत यात्रा
इस कड़ी में अगला देश है जापान, 20 से 21 मार्च के बीच जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदा भारत दौरे पर पहुंचे. इस दौरान पीएम किशिदा ने अगले 5 सालों में भारत में 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया था.
इसके अलावा जापान 2030 तक इंडो पैसेफिक बुनियादी ढ़ाचो के लिए 75 बिलियन डॉलर की सार्वजनिक और निजी पूंजी जारी करने की भी बात करता है.
5. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल
नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल (प्रचंड) ने 31 मई से 3 जून 2023 तक भारत के दौरा पर थे. इस दौरान उनके साथ 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी था जिसमें नेपाल के विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, भौतिक बुनियादी संरचना और परिवहन मंत्री, उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री, ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री शामिल थे.
चार दिवसीय यात्रा इस दौरे के दौरान भारत और नेपाल के बीच छह परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया. इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच सात समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किया गया.
इसके अलावा इस यात्रा के दौरान भारत और नेपाल के बीच मोतिहारी-अमलेखगंज यानी दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार पर भी समझौता हुआ. दोनों देशों के बीच संपर्क और पर्यटन को कैसे बढ़ावा दिया जाए इस पर भी चर्चा हुई.
6. श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा
इस साल की छठी अन्य देशों के नेताओं की यात्रा थी श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा. रानिल ने 21 जुलाई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपने देश में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार को लेकर पीएम से बातचीत की और भारत ने विश्वास दिलाया कि हम समय आने पर आपसे बात करेंगे.
7. सऊदी अरब के प्रिंस की भारत यात्रा
सऊदी अरब से साथ भारत के पुराने राजनयिक संबंध है. सदियों से भारत का एक बहुत बड़ा तबका सऊदी अरब के हज की यात्रा करता रहा है और इस देश में बड़ी संख्या में भारतीय भी मौजूद हैं.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज सऊद 11 सितंबर को भारत पहुंचे थे. इस दिन शाम में उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुलाकात की.
इस मुलाकात के वक्त उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कई केंद्रीय मंत्री और सऊदी अरब के अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.
इन नेताओं के भारत दौरे से देश की कूटनीति पर क्या असर पड़ा
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फोर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में यूरोप एंड यूरेशिया सेंटर की असोसिएट फेलो स्वास्ति राव ने बीबीसी की एक रिपोर्ट में इसी सवाल का जवाब देते हुए कहती हैं, ‘इस बात में तो कोई शक नहीं है कि भारत में इस साल लगातार अलग अलग देशों के नेताओं का आना, और जी 20 समिट का सफलतापूर्वक पूरा होना. इस देश को बड़ा वैश्विक प्लेयर बनाकर उभरने में कामयाब रहा है.
कैसा रहा भारत का पिछला पांच साल
भारत के लिए पिछला चार साल बहुत अच्छा नहीं रहा. पहले तो कोरोना महामारी ने साल 2019 से 2020 तक पूरे भारत को बुरी तरह से अपने चपेट ले लिया था. इसके बाद साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई और भारत के 20 सैनिकों को अपनी जान गवानी पड़ी.
इस झड़प के बाद अब भी एलएसी पर कई जगह दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने खड़े हैं.
साल 2021 आया और इस साल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिली. इस मंदी का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी बुरी तरह पड़ा. कोविड के कारण पूरी सप्लाई चेन बाधित हुई और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ने लगी. जिसके कारण भारत प्रगति दर धड़ाम से गिर गई.
2022 शुरू के शुरू होते ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले का आदेश दे दिया. इस युद्ध में दोनों देशों में से कोई भी झुकने तैयार नहीं था. पश्चिम देश रूस के खिलाफ हो गए और भारत पर भी दबाव रहा कि वह यूक्रेन के पक्ष में बोले.
हालांकि साल 2023 में जी-20 समिट और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की अध्यक्षता के अलावा भी 7 अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों का भारत आना संकेत देता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूत काफी मजबूत हुई है. इतना ही नहीं भारत ग्लोबल साउथ में अपने प्रभाव को बढ़ाने का भारत का प्रयास भी है.”
भारत ने कितने देशों का दौरा किया
वहीं भारत की बात की जाए तो साल 2023 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 देशों का दौरा किया, जिसमें जापान, पापुआ न्यू गिनी, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इजिप्ट, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, ग्रीस, इंडोनेशिया और दुबई शामिल हैं.
- 19 मई से 25 मई के दौरान जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया का दौरा
- 20 जून से 25 जून के दौरान अमेरिका और मिस्र की यात्रा
- 13 जुलाई से 15 जुलाई के दौरान फ्रांस और यूएई की यात्रा
- 22 अगस्त से 26 अगस्त के दौरान दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा
- 6 सितंबर से 7 सितंबर के दौरान इंडोनेशिया का दौरा
- 30 नवंबर से 1 दिसंबर के दौरान दुबई का दौरा