विदेश मंत्री एस. जयशंकर सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे हैं. वे गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) की मीटिंग में शामिल होने पहुंचे हैं. उन्होंने अपने इस दौरे को लेकर एक्स पर लिखा, “पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के सऊदी अरब के रियाद आया हूं.” साथ ही उन्होंने प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद किया.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में जानकारी दी गई है कि इस यात्रा में विदेश मंत्री गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) मेंबर्स के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. GCC एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसके अंदर अरब क्षेत्र के 6 देश हैं. ये संगठन भारत के खास व्यापारिक साझेदार के तौर पर उभरा है. भारत के GCC के साथ राजनीतिक, व्यापारिक, ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों में GCC देशों के अच्छे रिश्ते हैं.
क्या है GCC और भारत के लिए क्यों अहम?
GCC एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसके अंदर अरब क्षेत्र के 6 देश हैं. जिसमें सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन, कतर और ओमान शामिल हैं. इसकी स्थापना 1981 में हुई थी और इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब की राजधानी रियाद में स्थित है.
Arrived in Riyadh, Saudi Arabia to take part in the First India – Gulf Cooperation Council Foreign Ministers’ Meeting.
Thank Abdulmajeed Al Smari, Deputy Minister for Protocol Affairs for the warm reception. pic.twitter.com/cZBtBIYBdW
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 8, 2024
गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (GCC) के चार्टर में संगठन को एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रीय संगठन बताया गया है. इस संगठन का काम सभी क्षेत्रों में GCC मेंबर देशों के बीच इंटीग्रेशन, को-ऑर्डिनेशन और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है. GCC सदस्य देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, पर्यटन, प्रशासन, वैज्ञानिक और तकनीकी जैसे क्षेत्रों में समान नियम बनाने और आपली सहयोग को बढ़ावा देता है.
मंगलवार को रियाद 161 वीं GCC मंत्रिस्तरीय परिषद बैठक की मेजबानी करेगा. साथ-साथ कल ही GCC सदस्यों और रूस, भारत और ब्राजील के बीच तीन संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठकें भी होंगी. भारत के लिहाज ये बैठक बेहद अहम होने जा रही है, क्योंकि विदेश मंत्री इस बैठक में GCC देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे.
GCC भारत के एक बड़े साझेदार के तौर पर उभरा है और इन देशों में करीब 70 लाख भारतीय काम करते हैं. खाड़ी देशों के विकास में भारतीय लोगों ने महत्वपूर्ण में भूमिका निभाई है और कुल क्रूड ऑयल का करीब 34 फीसदी हिस्सा भी इन्हीं 6 देशों से आता है. इसके साथ भारत में भी सऊदी अरब और UAE जैसे देशों ने कई तरह के निवेश भी किए हैं.
कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के लिहाज से अहम GCC
GCC में वर्चस्व सऊदी और UAE का वर्चस्व कूटनीति के लिहाज से ये देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के मददगार साबित हो सकते हैं. जहां तुर्की मलेशिया जैसे देश कश्मीर 370 मुद्दे पर पाकिस्तान की तरफ झुके दिखाई दिए हैं, वहीं सऊदी अरब ने इस मामले पर चुप्पी साधे रखी है. फिलिस्तीन इजराइल विवाद में भी भारत को संभावित मध्यस्थ के रूप में देखा जा रहा है, ऐसे में भारत इन देशों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को एक अच्छे मध्यस्थ के रूप में दिखा सकता है.