इंडो-पैसिफिक चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मीडिया को संबोधित किया। जनरल मनोज पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि हाल के वर्षों में इंडो-पैसिफिक निर्माण ने जियो स्ट्रैटेजिक में अपना एक केंद्रीय स्थान बनाया है। इसका महत्व आज की दुनिया के राजनीतिक सुरक्षा आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में उभरती हुई गतिशीलता का एक प्रतिबिंब है…।
जनरल पांडे ने यह भी कहा कि क्षेत्र में सभी हितधारकों को सकारात्मक रूप से शामिल करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता अटूट और स्थायी रही है। उन्होंने आगे कहा, इंडो-पैसिफिक के लिए भारत का दृष्टिकोण विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, बल प्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन पर जोर देता है।
#WATCH | "The Indo-Pacific construct has come to occupy central space in the contemporary geo-strategic campus in recent years. It's significance is a reflection of evolving dynamics in the political security economic and environmental domains of today's world, " says Army Chief… pic.twitter.com/KhZNIRODIw
— ANI (@ANI) September 26, 2023
हमारा लक्ष्य विश्वास को कायम करना- जनरल मनोज पांडे
सेना प्रमुख ने कहा कि हालांकि विभिन्न देशों के प्रयास मुक्त इंडो-पैसिफिक की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, फिर भी हम अंतरराज्यीय विवादों और प्रतिस्पर्धाओं की अभिव्यक्ति देख रहे हैं। सेना प्रमुख ने आगे कहा कि “जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं वे सीमाओं से परे हैं और उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।”
इंडो-पैसिफिक के महत्व पर जोर देते हुए जनरल पांडे ने कहा कि यह क्षेत्र केवल राष्ट्रों का एक समूह नहीं है बल्कि यह अन्योन्याश्रितताओं का एक जाल है। उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य विश्वास को कायम करना और सहयोग को मजबूती प्रदान करना है।”