भारत की आतंकवाद पर नीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति
भारत स्पष्ट रूप से आतंकवाद को लेकर “Zero Tolerance” (कतई बर्दाश्त नहीं) की नीति अपनाता है। अब इस नीति को लेकर भारत ने एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के ज़रिए विश्व भर में जागरूकता फैलाने और समर्थन जुटाने की पहल की है।
इंडोनेशिया का समर्थन: सामरिक रूप से महत्वपूर्ण
इंडोनेशिया द्वारा भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का खुले शब्दों में समर्थन करना कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश होने के बावजूद, इंडोनेशिया आतंकवाद और धार्मिक उग्रवाद के खिलाफ दृढ़ रुख रखता है।
- भारत और इंडोनेशिया के बीच Comprehensive Strategic Partnership है, जिसमें रक्षा, समुद्री सुरक्षा, और आतंकवाद विरोध एक प्रमुख स्तंभ है।
- इंडोनेशिया का समर्थन यह दर्शाता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर मुस्लिम देश भी भारत के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, जबकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरने की असफल कोशिश करता रहा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर फैलाई जा रही गलत जानकारी का खंडन
- यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि:
- हालिया संघर्ष और आतंकी घटनाएं भारत की कार्रवाइयों (जैसे ऑपरेशन सिंदूर) के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के कारण उत्पन्न हुई हैं।
- भारत रक्षात्मक और न्यायसंगत कदम उठा रहा है, न कि आक्रामकता फैला रहा है।
प्रतिनिधिमंडल की विशेषता
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के नेता शामिल हैं — यह दर्शाता है कि भारत में आतंकवाद के खिलाफ सर्वदलीय और राष्ट्रीय एकता है:
- संजय कुमार झा (जदयू)
- अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रदान बरुआ, हेमांग जोशी (भाजपा)
- अभिषेक बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस)
- जॉन ब्रिटास (माकपा)
- सलमान खुर्शीद (कांग्रेस)
- मोहन कुमार (पूर्व राजनयिक)
भारत की वैश्विक कूटनीति: 33 राजधानियाँ, 7 प्रतिनिधिमंडल
- यह प्रतिनिधिमंडल भारत की रणनीतिक कूटनीतिक पहुंच (strategic diplomatic outreach) का हिस्सा है जिसे “Operation Sindoor Diplomacy” भी कहा जा सकता है।
- इसका उद्देश्य:
- पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र के रूप में उजागर करना।
- भारत की कार्यवाही को संविधान और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप साबित करना।
- मित्र देशों से साफ-साफ समर्थन जुटाना, खासकर मुस्लिम-बहुल और ASEAN देशों से।
इंडोनेशिया द्वारा भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का समर्थन:
- भारत की कूटनीतिक सफलता है।
- यह बताता है कि वैश्विक जनमत अब पाकिस्तान के खिलाफ और भारत के साथ खड़ा हो रहा है।
- यह भारत के आतंकवाद के खिलाफ अभियान को वैश्विक नैतिक वैधता (moral legitimacy) देता है।