राणा अयूब के खिलाफ दिल्ली की साकेत कोर्ट द्वारा FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है, जो हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने और भारत विरोधी माहौल फैलाने से संबंधित है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में वकील अमिता सचदेव की याचिका पर दिया गया था, जिसमें राणा अयूब के खिलाफ सोशल मीडिया पर भारतीय सेना और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है।
मुख्य बिंदु:
- कोर्ट का आदेश:
- दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को राणा अयूब के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया, और धारा 156(3) CRPC के तहत यह आवेदन मंजूर किया गया।
- कोर्ट ने साइबर पुलिस स्टेशन के SHO को निर्देश दिया कि शिकायत को FIR में बदलकर मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
- आरोप:
- अमिता सचदेव का आरोप है कि राणा अयूब ने लगातार अपने X अकाउंट पर भारतीय सेना और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किए हैं।
- उन्होंने आरोप लगाया है कि अयूब के ट्वीट्स ने देश में नफरत फैलाने का माहौल उत्पन्न किया है।
- राणा अयूब द्वारा किए गए ट्वीट्स में माता सीता, रामायण, और महाभारत का अपमान किया गया है।
- पिछली विवादित घटनाएँ:
- राणा अयूब पर कोविड के दौरान चंदा इकट्ठा करने और उसे अपनी निजी ख़ुशियों में खर्च करने का आरोप भी लग चुका है, जिसके कारण ED ने ₹1.7 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी।
- इससे पहले भी राणा अयूब के खिलाफ कई FIR दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें सोशल मीडिया पर भारतीय सेना और धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ शामिल हैं।
- आगे की कार्रवाई:
- अब दिल्ली पुलिस ने साइबर थाने में राणा अयूब के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
Rana Ayyub is a repeat offender with history of targeting Hindus
to disturb communal harmony & even attacking Indian Army.
I hope necessary action will be taken against her and she will be investigated properly. There are high chances she is in contact with enemy foreign… pic.twitter.com/y8kQrZ2hZD
— Incognito (@Incognito_qfs) November 10, 2024
सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण:
- राणा अयूब के ट्वीट्स और उनके बयान अक्सर विवादों का कारण बने रहते हैं। इस मामले में भी उनके बयान और सोशल मीडिया पोस्टों ने उन्हें फिर से विवादों में घेर लिया है।
- उनकी आलोचना की जा रही है कि उनके ट्वीट्स से हिंदू धर्म और भारत के प्रति नफरत और विभाजन का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
यह मामला तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब देखा जाता है कि सोशल मीडिया पर व्यक्त की गई राय और टिप्पणियाँ अब कानूनी कार्रवाई का कारण बन रही हैं।