ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने काशी में ज्ञानवापी परिसर सहित काशी के अन्य स्थानों की मुक्ति एवं पुनरोद्धार के लिए हस्ताक्षर अभियान का आरम्भ किया है। अभियान, चेतसिंह किला परिसर में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु विजयेंद्र सरस्वती महाराज के सानिध्य में हुआ है। इस अभियान से एक लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है, फिर पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी।
बीएचयू के पत्रकारिता विभाग के आचार्य डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने बताया कि ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद का गठन अशोक सिंघल के मार्गदर्शन में हुआ था। काशी में ज्ञानवापी परिसर की मुक्ति एवं अन्य सभी पूज्य स्थल जो अक्रांताओं द्वारा विकृत विध्वस्त किए गए थे। इन सभी का पुरातन गौरव वापस लौटे यह ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद का संकल्प है। इसी क्रम में वर्ष 1986 से प्रतिवर्ष माता श्रृंगार गौरी का सामूहिक दर्शन पूजन विधि-विधान से परंपरागत रूप से महापरिषद करता आ रहा है। महापरिषद के अध्यक्ष पंडित शिवकुमार शुक्ल ने बताया कि हिंदू समाज के जन जागरण के लिए कई कार्यक्रम किए गए हैं। अभी एक लोटा जल ज्ञानवापी मुक्ति के नाम अभियान विभिन्न स्थानों पर चल रहा है, जिसमें अब तक लगभग ढाई लाख लोगों ने भागीदारी की है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया से हिंदू समाज को मुक्ति मिले और सभी पूज्य धर्मस्थल अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त करें, यह सभी सनातनियों की कामना है। महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ने बताया कि अभियान का लक्ष्य है कि एक लाख हिन्दू, इस हस्ताक्षर अभियान में प्रतिभाग करें।