राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष के परामर्श से राज्यसभा के सभापति के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली 8 विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति (डीआरएससी) का पुनर्गठन किया है। संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को कहा कि इसमें 31 सदस्यीय गृह पैनल में वरिष्ठ कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम की नियुक्ति भी शामिल है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, राज्यसभा के सभापति ने अपने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली आठ विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया है। नई संसदीय स्थायी समितियाँ 13 सितंबर, 2023 से प्रभावी होंगी।
पुनर्गठित समितियों की लिस्ट-
व्यापार
शिक्षा, महिलाएँ, बच्चे, युवा और खेल
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
गृह मंत्रालय
उद्योग
कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति
हो रही तीन प्रस्तावित बिलों पर चर्चा
दरअसल, राज्यसभा के सभापति ने लोकसभा अध्यक्ष की सलाह लेने के बाद 8 समितियों का पुनर्गठन किया है। सभापति ने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली संसदीय स्थायी समितियों में फेरबदल किया गया है। बता दें कि जगदीप धनखड़ ने पी. चिदंबरम को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के मेंबर के रूप में ऐसे समय में नियुक्त किया है, जब पैनल तीन प्रस्तावित बिलों पर चर्चा कर रहा है।
इंडियन ज्यूडिशियल कोड 2023, इंडियन सिविल डिफेंस कोड, 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट यह ऐसे तीन विधेयक हैं, जिनका उद्देश्य आपराधिक न्याय कानूनों को बदलना है। इन बिलों को 11 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया था। बता दें, 24 विभाग संबंधी स्थायी समितियां या डीआरएससी हैं। इनमें से हर कमेटी में 31 मेंबर हैं, जिनमें से 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा से हैं।
इनकी जगह पर हुई पी.चिदंबरम की नियुक्ति
ऐसे में अब 8 डीआरएससी का पुनर्गठन किया गया हैं। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के पी.भट्टाचार्य रिटायर हुए हैं और इन्हीं के जगह पर पी.चिदंबरम की नियुक्ति हुई है। कांग्रेस के ही लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले से ही भाजपा सांसद बृज लाल की अध्यक्षता वाले गृह पैनल के मेंबर हैं। इसके अलावा, सभापति ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एनवायरनमेंट, फारेस्ट एंड क्लाइमेंट चेंज कमेटी का अध्यक्ष भी नियुक्त किया है। इस बीच, 6 प्रमुख संसदीय कमेटियों (गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य) के अध्यक्ष भाजपा या उसके सहयोगी हैं।