पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर और भारत सरकार की ओर से कई कड़े और निर्णायक कदम उठाए गए हैं, जिनका उद्देश्य न केवल आतंकवाद का खात्मा है, बल्कि इसके सामाजिक, आर्थिक और कूटनीतिक प्रभावों का भी समाधान करना है।
पहलगाम हमला (22 अप्रैल) – मुख्य तथ्य
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स्थान: पहलगाम घाटी, दक्षिण कश्मीर
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हमला: चार आतंकियों द्वारा पर्यटकों पर हमला
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हत्याएं: 26 नागरिकों की मौत
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प्रभाव:
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पर्यटन उद्योग लगभग ठप
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हजारों की संख्या में बुकिंग्स रद्द
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होटलों और गाइड्स की आय पर भारी असर
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डर और असुरक्षा का माहौल
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उमर अब्दुल्ला और पीएम मोदी की बैठक
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समय: हमला के बाद पहली बार आमने-सामने
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मुलाकात की अवधि: 25 मिनट
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चर्चा के मुद्दे:
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आतंकवाद पर नकेल
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पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करना
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राज्य की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।@narendramodi #NarendraModi @OmarAbdullah #OmarAbdullah #JammuAndKashmir pic.twitter.com/LOXA2nMoiZ
— One India News (@oneindianewscom) May 3, 2025
भारत की कार्रवाई – कड़े कदम
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सिंधु जल संधि रद्द:
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पाकिस्तान के साथ 1960 से लागू यह समझौता रद्द कर दिया गया
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यह एक बड़ा कूटनीतिक संदेश है कि आतंक को बढ़ावा देने की कीमत चुकानी होगी
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वीज़ा कैंसिलेशन:
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सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
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अधिकतर वापस लौटे, लेकिन कुछ भारत में मौजूद – इनमें जांच और निगरानी जारी
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सेना का सर्च ऑपरेशन
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स्थान: कश्मीर घाटी के दक्षिणी और मध्य क्षेत्र
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लक्ष्य: हमले में शामिल आतंकियों का खात्मा
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फोकस:
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पाक समर्थित आतंकी मॉड्यूल्स
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स्थानीय सहयोगियों की पहचान
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सीमा पार से घुसपैठ रोकना
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आर्थिक प्रभाव: पर्यटन क्षेत्र संकट में
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प्रभावित व्यवसाय: होटल, टैक्सी, गाइड, हाउसबोट, शॉल-कारीगर
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सरकार की योजना:
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विशेष आर्थिक सहायता पैकेज
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सुरक्षा भरोसे को लेकर प्रचार अभियान
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घाटी के सुरक्षित इलाकों को पर्यटकों के लिए फिर से खोलने की रणनीति
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स्थानीय नेताओं की अपील
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पर्यटकों से बुकिंग कैंसिल न करने की गुज़ारिश
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“कश्मीर सुरक्षित है” का संदेश फैलाने की कोशिश
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हिंसा और पर्यटन को अलग-अलग रखने की वकालत
अंतरराष्ट्रीय संदेश
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पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश – “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते”
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सिंधु जल समझौते जैसी बड़ी कार्रवाई से विश्व समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के दोहरे रवैये की ओर खींचा गया है