छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान K9 रोलो की शहादत एक बेहद भावुक और चौंका देने वाली घटना है। एक प्रशिक्षित और समर्पित सेवा कुत्ते की मौत ऐसे असामान्य कारण – मधुमक्खियों के हमले – से होना, यह दिखाता है कि किसी भी ऑपरेशन में खतरे केवल दुश्मनों से नहीं, बल्कि प्राकृतिक परिस्थितियों से भी हो सकते हैं।
#WATCH | Earlier video of the 2-year-old K9 Rolo of 228 Battalion of CRPF in action
Canine warrior Rolo was declared dead on 27th April 2025, with the cause of death being anaphylactic shock following 200 bee stings. Rolo and her handler were attacked by a swarm of honey bees… pic.twitter.com/r7Ja0ioUDp
— ANI (@ANI) May 16, 2025
K9 रोलो: एक वीर साथी की कहानी
- जन्म: 5 अप्रैल 2023 को डीबीटीएस में
- प्रशिक्षण: बैच क्रमांक 80, जिसमें रोलो को:
- इन्फैंट्री पेट्रोलिंग
- विस्फोटक खोज
- आक्रमण (अटैक)
में दक्ष किया गया था।
- तैनाती: अप्रैल 2024 से CRPF की 228वीं बटालियन में, विशेष रूप से नक्सल विरोधी अभियानों के लिए।
- मिशन: तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर कर्रेगुट्टा हिल्स (KGH) में तलाशी अभियान के दौरान ड्यूटी पर था।
#WATCH | CRPF personnel conduct last rites of K9 Rolo of 228 Bn in Sukma district of Chhattisgarh. The 2-year-old Rolo was declared dead on 27 April 2025, with the cause of death being anaphylactic shock following 200 bee stings.
Rolo and her handler were attacked by a swarm of… pic.twitter.com/qepVCLmcz9
— ANI (@ANI) May 16, 2025
हादसा और शहादत
- तलाशी अभियान के दौरान अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला किया।
- जवानों ने तुरंत उसे बचाने का प्रयास किया – पॉलीथीन शीट से ढका गया।
- लेकिन मधुमक्खियां अंदर घुस गईं और बार-बार डंक मारने से रोलो को गंभीर चोटें आईं।
- आपातकालीन उपचार के प्रयासों के बावजूद, रोलो ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
- जानवरों की भूमिका: K9 रोलो जैसे सेवा कुत्ते सीमा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, और नक्सल रोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाते हैं। यह एक मूक योद्धा की शहादत है, जिसकी गूंज सीमाओं के पार भी जाती है।
- प्राकृतिक खतरे: यह घटना सुरक्षा बलों के सामने मौजूद प्राकृतिक खतरों की भी याद दिलाती है – जिनका अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
- सम्मान और संवेदना: K9 रोलो की सेवा और बलिदान को उतना ही सम्मान मिलना चाहिए जितना किसी भी अन्य सैनिक को मिलता है।
आगे क्या हो सकता है?
- CRPF या गृह मंत्रालय द्वारा रोलो के बलिदान को मान्यता देने के लिए औपचारिक श्रद्धांजलि या मेडल की सिफारिश की जा सकती है।
- फोर्स को इस प्रकार के प्राकृतिक खतरों से निपटने के लिए नई SOPs (Standard Operating Procedures) पर काम करना होगा।
K9 रोलो को नमन। वह न केवल एक सेवा कुत्ता था, बल्कि देश की रक्षा में समर्पित एक सच्चा सिपाही था। उसका बलिदान भुलाया नहीं जाएगा।