चोल वंश की कालिया मर्दन मूर्ति (कालिया नाग पर नृत्य करते हुए कृष्ण) थाईलैंड से वापस लाई गई है। यह ऐतिहासिक धरोहर तमिलनाडु से चोरी कर थाईलैंड ले जाई गई थी। भारत सरकार के प्रयासों से इस ऐतिहासिक मूर्ति को देश वापस लाया गया है। इस मूर्ति को विश्व धरोहर समिति के बैठक स्थल पर प्रदर्शित किया गया है। इस विशेष प्रदर्शनी में विदेशों से लाई गई 25 ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया है।
प्रदर्शनी के इंचार्ज डॉ. सरजुन प्रसाद ने बताया कि कालिया मर्दन मूर्ति को 15 दिन पहले ही थाईलैंड से भारत लाया गया है। यह मूर्ति 10वीं -11वीं शताब्दी की है। इसे तमिलनाडु से चोरी कर थाईलैंड ले जाया गया था। भारत के कूटनीतिक औऱ राजनीतिक प्रयासों से इसे स्वदेश लाया गया है। इस प्रदर्शनी में 25 मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें 11वीं शताब्दी की उमा माहेश्वरी, महिषासुर मर्दिनी, जैन मुनि द्वारा लिखित पत्र, 4000 साल पुरानी कलाकृतियां शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्व धरोहर समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि बीते वर्षों में भारत की 350 से अधिक प्राचीन धरोहरों को वापस लाया गया है। प्राचीन धरोहरों का वापस आना वैश्विक उदारता और इतिहास के प्रति सम्मान के भाव को दिखाता है। ये कार्यक्रम भारत के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि से जुड़ा है।