भारत ने चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी को अनुचित करार देते हुए खारिज कर दिया है. चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भों पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर हमारा था, है और रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में कश्मीर समेत दक्षिण एशिया के सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि हमने 7 जून, 2024 के चीन और पाकिस्तान के संयुक्त बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनुचित संदर्भों को देखा है. हम ऐसे संदर्भों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर भारत की स्थिति साफ है और संबंधित पक्षों को अच्छी तरह से पता है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे. किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.
चीन की चार दिवसीय यात्रा पर थे पाक पीएम
In response to media queries on references to Jammu & Kashmir in the China-Pakistan Joint Statement, the Official Spokesperson, Shri Randhir Jaiswal said: "We have noted unwarranted references to the Union Territory of Jammu & Kashmir in the joint statement between China and… pic.twitter.com/462jqLs4eO
— ANI (@ANI) June 13, 2024
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा का समापन किया, जो मार्च में शुरू हुए उनके दूसरे कार्यकाल के बाद पहली यात्रा थी, जिसमें उन्होंने चीनी निवेश और सहायता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया, क्योंकि उनका देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
उनकी यात्रा के अंत में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व, सभी लंबित विवादों के समाधान की आवश्यकता और किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करने पर जोर देते हैं.
पाक-चीन के संयुक्त बयान का विरोध
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान चीनी को जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी. बयान में चीनी की ओर से कहा गया कि जम्मू और कश्मीर विवाद इतिहास से बचा हुआ है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए.
चीन और पाकिस्तान के ऐसे संयुक्त बयानों को भारत ने पहले भी को खारिज कर दिया है. पाकिस्तान ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध किया था. भारत का सदा से ही स्टैंड रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसा संबंध चाहता है.