खालिस्तानी आतंकी और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत की अखंडता के खिलाफ़ गंभीर धमकी दी है। अमेरिका में बसे पन्नू ने एक वीडियो जारी कर भारत के कई राज्यों में अलगाववादी ताकतों को खड़ा करने की बात कही है। उसने 2047 तक भारत को कई टुकड़ों में बाँटने का हमेशा की तरह मुंगेरीलाल का सपना फिर से देखा है, जिसमें पन्नू ने दावा किया कि 2047 तक भारत का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा और इसका पूरा भूगोल बदल दिया जाएगा।
कनाडा के मंत्री के बयान पर भड़का पन्नू
यह वीडियो कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन के एक बयान के बाद जारी किया गया। मॉरिसन ने हाल ही में एक सार्वजनिक सुनवाई के दौरान कहा था कि कनाडा की नीति स्पष्ट है – भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक एकीकृत राष्ट्र है और इसकी संप्रभुता को कोई खतरा नहीं होना चाहिए। इस बयान से पन्नू भड़क उठा और भारत के खिलाफ जमकर आग उगला।
पन्नू ने अपने वीडियो में मुंगेरीलाल के सपने की तरह SFJ का मिशन बताया है। पन्नू ने कहा, “SFJ का मिशन 2024 से 2047 तक भारत को खत्म करना है।” उसने यह भी कहा कि पंजाब के अलावा अब जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर और नागालैंड में भी स्वतंत्रता आंदोलनों को भड़काने की योजना बनाई जा रही है। इन राज्यों में भी आंदोलन शुरू कर ‘भारत संघ को खंडित’ करने की धमकी दी गई है।
चीन को अरुणाचल पर हमले के लिए उकसाया
वीडियो में पन्नू ने केवल भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने की धमकी ही नहीं दी, बल्कि उसने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी समर्थन की अपील की। उसने चीनी सेना से कहा कि अरुणाचल प्रदेश को चीन का क्षेत्र मानते हुए इसे वापस लेने का समय आ गया है। पन्नू ने दावा किया कि चीन को भारत के खिलाफ अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए।
पन्नू ने यह भी कहा कि वह और उसका संगठन SFJ भारत के खिलाफ अपने खतरनाक एजेंडे को आगे बढ़ाते रहेंगे। वह अमेरिका और कनाडा के कानूनी सुरक्षा और संरक्षण में रहकर भारत को कमजोर करने की योजना बना रहा है। उसने वीडियो में एक पोस्टर के सामने बैठकर कहा, जिस पर लिखा था “2047: नॉन इंडिया”, जिसका मतलब है कि 2047 तक भारत का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा।
खालिस्तान के नाम जनमत संग्रह
SFJ लंबे समय से पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान नाम का एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की माँग कर रहा है। इसके लिए SFJ ने एक अनौपचारिक वैश्विक जनमत संग्रह की पहल भी शुरू की है, जिसमें वह पंजाब को एक अलग देश बनाने के लिए समर्थन माँग रहा है। हालाँकि, इस जनमत संग्रह को पंजाब के अंदर कोई समर्थन नहीं मिला। साफ है कि पंजाब के लोग खालिस्तान के विचार को खारिज कर चुके हैं, लेकिन पन्नू और उसके समर्थक इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उछालने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत-कनाडा के तनाव का फायदा उठाने की कोशिश
भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से रिश्तों में तनाव बना हुआ है, जिसका कारण कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का बढ़ना है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के समय-समय पर खालिस्तानियों के प्रति नरम रुख अपनाने से भारत सरकार ने भी नाराज़गी जताई थी। हालाँकि, डेविड मॉरिसन के हालिया बयान से ऐसा लगता है कि कनाडा ने भारत की अखंडता का समर्थन किया है, जिससे खालिस्तान समर्थक गुटों में हलचल मच गई है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकियों के बावजूद एक बात तो साफ है कि वो लगातार सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करता रहा है। उसकी तरफ से इस तरह की धमकियाँ पहले भी आती रही हैं। हालाँकि दिल्ली में वो पोस्टरबाजी करवाने जैसी हरकतों को अंजाम दे चुका है। बहरहाल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही पन्नू और उसके संगठन की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं, और उसकी धमकियों को गंभीरता से लिया जा रहा है।