हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। उत्तराखंड में स्थित चार धाम—बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—के दर्शन को अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चार धाम यात्रा पूर्ण करने से सभी पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चार धाम यात्रा 2025 की शुरुआत
🔹 यात्रा प्रारंभ तिथि – 30 अप्रैल 2025
🔹 यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि – 30 अप्रैल 2025
🔹 केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि – 2 मई 2025
🔹 बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि – 4 मई 2025
चार धाम यात्रा छह महीने तक चलती है, इसके बाद सर्दियों में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
चार धाम यात्रा का क्रम
1️⃣ यमुनोत्री धाम 🏔️
👉 यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है। यहां माता यमुना का मंदिर स्थित है। मान्यता है कि यमुनोत्री से यात्रा आरंभ करने पर कोई बाधा नहीं आती और यात्रा सफल होती है।
2️⃣ गंगोत्री धाम 🌊
👉 दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम है, जो मां गंगा को समर्पित है। मान्यता है कि गंगोत्री के दर्शन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
3️⃣ केदारनाथ धाम 🔱
👉 तीसरा पड़ाव केदारनाथ है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर शिव भक्त जीवन में एक बार केदारनाथ के दर्शन करने की इच्छा रखता है।
4️⃣ बद्रीनाथ धाम 🏕️
👉 चार धाम यात्रा का समापन बद्रीनाथ धाम में होता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से मोक्ष और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
चार धाम यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
✅ चार धाम यात्रा को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
✅ इस यात्रा में हिमालय की पवित्र वादियों में स्थित चार पवित्र तीर्थों के दर्शन होते हैं।
✅ यह यात्रा आध्यात्मिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मशुद्धि प्रदान करती है।