अंडमान के रंगाचांग की रहने वाली चेलाम्मल इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दरअसल, साल 2024 के पद्मश्री अवॉर्ड के विजेताओं की घोषणा हो गई है, जिसमें ‘नारियल अम्मा’ के नाम से मशहूर चेलाम्मल का नाम भी शामिल है। चेलाम्मल को यह पुरस्कार उनकी अनोखी खेती के लिए दिया जा रहा है। नारियल अम्मा के नाम से मशहूर 69 साल की चेलाम्मल 10 एकड़ जमीन पर अनोखी तरह से खेती करती हैं। वह जैविक खेती के माध्यम से अनानास, केला, लौंग और अदरक की खेती करती हैं।
इस वजह से लोग कहते हैं ‘नारियल अम्मा’
इसके अलावा वह अपने बगीचे में अनोखे तरीके से नारियल की खेती करती हैं। जिसके कारण वह किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गईं और लोग उन्हें ‘नारियल अम्मा’ कहने लगे। उन्होंने 150 से अधिक किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रेरित किया है।
नारियल की खेती करने का सरल तरीका
उन्होंने कई सरल तरीके निकाले, जिससे नारियल की खेती बहुत आसानी से की जा सके। इसमें लागत भी कम आती है और पेड़ों को नुकसान से बचाना भी आसान होता है। उन्होंने खेती करने के लिए नवीन और लागत प्रभावी समाधान तैयार किए। इसमें नारियल और ताड़ के पेड़ों को होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने के उपाय शामिल हैं।
इतना पढ़ी-लिखी हैं ‘नारियल अम्मा’
नारियल अम्मा हर साल 27,000 से अधिक नारियल का उत्पादन करती हैं और दो हेक्टेयर भूमि पर नारियल के बागान की खेती करती हैं। ‘नारियल अम्मा’ केवल कक्षा छह तक पढ़ाई की है लेकिन वह पिछले पांच दशकों से उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ लोगों के बीच खेती का नवाचार कर रही हैं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने नारियल और ताड़ के पेड़ों को नुकसान से बचाने के लिए सस्ते तरीके खोजे, जो आम लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल भरा काम था।