लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा नागपुर में आयोजित संविधान सम्मेलन पर अब सियासी विवाद छिड़ गया है। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने हिस्सा लिया, और वहां उपस्थित लोगों को संविधान की ‘लाल किताब’ बांटी गई। बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है और कहा कि पार्टी संविधान को “नोटपैड” की तरह इस्तेमाल कर रही है।
बीजेपी के आरोप के मुताबिक, जिस किताब को संविधान बताया जा रहा था, उसका कवर ‘Constitution of India’ लिखा हुआ था, लेकिन अंदर के पन्ने खाली थे, जिनमें केवल पहले पन्ने पर प्रिंबल था। बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस का मजाक उड़ाया और कहा कि यह संविधान का मजाक उड़ाने जैसा है। बीजेपी नेताओं ने वीडियो को वायरल करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी संविधान को उचित सम्मान नहीं देती और इसका गलत इस्तेमाल करती है।
इस घटना के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है, खासकर जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी ने कांग्रेस को घेरते हुए इसे पार्टी की घटिया मानसिकता और संविधान का अपमान बताया है, जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे को तूल देने की कोशिश करने के खिलाफ सफाई दी है।
यह मुद्दा अब राजनीतिक रूप से अहम बन गया है और चुनावी माहौल में दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रही हैं।
संविधान सिर्फ बहाना है
लाल पुस्तक को बढ़ाना है
मोहब्बत के नाम पर
सिर्फ नफरत फैलाना है…
काँग्रेसला भारताचे संविधान असेच कोरे करायचे आहे.
डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकरांनी लिहिलेले सर्व कायदे अनुच्छेद वगळून टाकायचे आहेत. म्हणूनच तर राहुल गांधींनी मध्यंतरी आरक्षण रद्द करणार ही… pic.twitter.com/C94Wa3CZee
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) November 6, 2024
बीजेपी ने बताया संविधान का अपमान
बीजेपी ने विजय वडेट्टीवार के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी द्वारा बांटी गई “नकली संविधान” को लेकर धन्यवाद देने के लिए वडेट्टीवार का आभार व्यक्त किया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि संविधान के आवरण का इस्तेमाल नोटपैड के रूप में करना, महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के द्वारा लिखे गए संविधान का अपमान है।
बीजेपी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले भी कई बार संविधान का अपमान कर चुकी है, और अब इस बार संविधान के आवरण को नोटपैड के रूप में इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी का यह बयान संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को स्पष्ट करते हुए कांग्रेस पर संविधान के महत्व को नकारने का आरोप लगा रहा है।
इस विवाद ने दोनों पक्षों के बीच सियासी संघर्ष को और बढ़ा दिया है, जहां बीजेपी संविधान के सम्मान को लेकर कांग्रेस को निशाने पर ले रही है, जबकि कांग्रेस इसे बीजेपी की आलोचना का जवाब देने के रूप में देख रही है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि संविधान के आवरण को नोटपैड के रूप में इस्तेमाल करते समय क्या कांग्रेस ने अपनी बुद्धि गिरवी रख दी थी। बीजेपी ने कांग्रेस को नसीहत दी कि केवल आवरण दिखाकर जनता को भ्रमित करना उनकी “नकली कहानी” का हिस्सा है।
इसके साथ ही, बीजेपी ने ये भी दावा किया कि महाराष्ट्र की जनता आगामी 20 तारीख को विधानसभा चुनावों में अपने मतों से इसका सीधा जवाब देगी, यानी बीजेपी को विश्वास है कि जनता कांग्रेस के इस कदम को सही नहीं मानेगी और इसका विरोध करेगी।
इस बयान के जरिए बीजेपी कांग्रेस को सख्त तरीके से निशाने पर लेते हुए संविधान के प्रति उसकी असंवेदनशीलता को उजागर करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे बीजेपी का एक और राजनीतिक खेल मानती है।
संविधान का मुद्दा उठा रही है कांग्रेस
2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को संविधान के मुद्दे पर घेरने में लगी हुई है। कांग्रेस ने यह आरोप लगाया था कि यदि बीजेपी एक बार फिर सत्ता में आई और 400 सीटें जीत ली, तो वे संविधान में बदलाव कर सकते हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को बार-बार उठाकर बीजेपी पर संविधान के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाती रही है।
इस आरोप के बावजूद, बीजेपी गठबंधन के साथ केंद्र में सरकार बनाने में सफल रही। हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे को अब तक नहीं छोड़ा है और लगातार बीजेपी पर संविधान को कमजोर करने के आरोप लगा रही है। राहुल गांधी कई रैलियों में संविधान की कॉपी को मंच से लोगों के सामने लाकर यह मुद्दा उठाते रहे हैं, ताकि जनता को यह संदेश दिया जा सके कि बीजेपी संविधान के खिलाफ काम कर सकती है।
कांग्रेस का यह प्रयास बीजेपी को संविधान के प्रति जवाबदेह ठहराने और उसे इस मुद्दे पर घेरने के लिए है, जबकि बीजेपी इसे कांग्रेस का एक राजनीतिक खेल मानते हुए इसे नकारती है।