‘एक देश एक चुनाव’ पर बीते साल से जारी सरगर्मी अगले हफ्ते से और तेज होने वाली है. सामने आया है कि लॉ कमीशन इस मुद्दे पर अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप सकता है. इससे भी बड़ी बात है कि हो सकता है कि साल 2029 में जब चुनाव हों तो वह ‘एक देश एक चुनाव’ वाले कॉन्सेप्ट पर हो सकते हैं.
असल में इस रिपोर्ट में लॉ कमीशन संविधान में संशोधन करने और साल 2029 के मध्य तक देश भर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है.
नए अध्याय को संविधान में जोड़ने की सिफारिश
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता में काम कर रहा आयोग एक साथ चुनाव को लेकर एक नए अध्याय को संविधान में जोड़ने के लिए संशोधन की सिफारिश करेगा. इसके अलावा, पैनल अगले पांच सालों में तीन स्टेप में विधान सभाओं की शर्तों को समकालिक करने की भी सिफारिश करेगा.
अब इस तरह देखा जाए तो लॉ कमीशन जो प्लान देने जा रहा है उसके मुताबिक, योजना है कि इसके बाद पहला ‘एक देश एक चुनाव’ मई-जून 2029 में हो सकेगा. बता दें कि साल 2029 में 19वीं लोकसभा के चुनाव होने हैं.
मिली-जुली अंतरिम सरकार के गठन का सुझाव
सूत्रों के मुताबिक लॉ कमीशन जिस नए अध्याय को जोड़ने की सिफारिश करने वाला है, उसमें यह शामिल होगा कि, सरकारों की स्थिरता, सरकार गिरने या मध्यावधि चुनाव की स्थिति आने पर मिली-जुली अंतरिम सरकार का गठन किया जा सके, ताकि शासन चलाने के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था कायम रहे. इसके साथ ही एक साथ चुनावों की स्थिरता और लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, स्थानीय निकायों यानी पंचायतों और नगरपालिकाओं के लिए एक मतदाता सूची से संबंधित मुद्दे भी सुलझाए जाएंगे.
विधि आयोग अपनी रिपोर्ट में करेगा ये सिफारिशें
विधि आयोग जो सिफारिश अपनी रिपोर्ट में करने जा रहा है, उसमें यह कहा गया है कि अगर कोई सरकार अविश्वास प्रस्ताव पास होने के कारण गिर जाती है या आम चुनाव में सदन त्रिशंकु जनादेश आता है तो ऐसी स्थिति में विभिन्न राजनीतिक दल मिली-जुली साझा सरकार के गठन पर विचार करें।
साझा सरकार न बनने की स्थिति में बचे हुए कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। यदि राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से संवैधानिक संकट पैदा होता है और फिर से चुनाव कराना जरूरी हो जाता है तो सरकार के तय पांच साल में तीन साल बचे हों, ऐसी स्थिति में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए शेष तीन साल के लिए अंतरिम साझा सरकार या फिर इतनी ही अवधि के लिए चुनाव कराए जाएं, ऐसी सिफारिश विधि आयोग अपनी रिपोर्ट में करेगा।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर भी काम कर रही समिति
विधि आयोग के अलावा, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में भी एक उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है। कोविन्द समिति इन संभावनाओं पर विचार कर रही है कि संविधान और मौजूदा कानूनी ढांचे में बदलाव करके कैसे लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। इस साल अप्रैल-मई में 18वीं लोकसभा चुनावों के साथ कम से कम पांच विधानसभाओं के चुनाव होने की संभावना है।
इन राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव
इस साल के अंत तक जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। बिहार और दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। असम, बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में 2026 में और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में 2027 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। जबकि 2028 में कम से कम नौ राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने का कार्यक्रम है।