भारतीय सेना का निर्णायक एक्शन
भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात 1:28 AM पर शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
प्रमुख निशाने:
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लाहौर में आतंकी हाफिज सईद के ठिकाने
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बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का अड्डा
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PoK में मुजफ्फराबाद, कोटली, धामोल और बाघ
इस स्ट्राइक में लश्कर और जैश के लगभग 30 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द, बॉर्डर पर अलर्ट
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गृह मंत्रालय ने आतंकी प्रतिक्रिया की आशंका के मद्देनज़र बड़ा कदम उठाया।
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CRPF, BSF, ITBP, CISF समेत सभी अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं।
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गृहमंत्री अमित शाह ने सभी बल प्रमुखों (DGs) को आदेश दिया कि:
“बॉर्डर पर फुल अलर्ट रहें और किसी भी घुसपैठ या प्रतिक्रिया का तत्काल जवाब दें।”
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इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) पर हाई अलर्ट घोषित।
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देशभर में मॉक ड्रिल्स की भी तैयारी — संभावित आतंकी हमलों से निपटने की कवायद।
उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
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DGP प्रशांत कुमार ने कहा:
“उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस और अन्य सुरक्षा इकाइयों को तत्परता और चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।”
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संवेदनशील स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, मेट्रो, धार्मिक स्थल, औद्योगिक इकाइयों, एयरपोर्ट्स की सुरक्षा कड़ी।
PM मोदी और NSA की सतत निगरानी
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ऑपरेशन सिंदूर की पूरी योजना और क्रियान्वयन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी निगरानी रही।
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NSA अजीत डोभाल ने पल-पल की जानकारी PM को दी।
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मोदी ने रातभर वॉर रूम से ऑपरेशन की समीक्षा की।
पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति और घबराहट
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भारत की स्ट्राइक को पाकिस्तान ने अधिकारिक रूप से स्वीकार किया।
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पाक पीएम शहबाज शरीफ ने रात में आपातकालीन बैठक बुलाई।
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शरीफ का बयान:
“हम इस स्ट्राइक का जवाब देंगे।”
हालांकि, अब तक पाकिस्तान की ओर से केवल LOC पर फायरिंग के जरिए ही प्रतिक्रिया सामने आई है।
भारत की कूटनीतिक पहल
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भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और UAE को ऑपरेशन की पूर्व सूचना दी।
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NSA डोभाल ने अमेरिकी NSA को सीधे जानकारी दी।
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत संतुलित — अमेरिका ने उम्मीद जताई कि तनाव जल्द शांत होगा।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की उस नई रक्षा नीति का प्रतीक है, जिसमें हमला होने पर जवाब सीमा पार जाकर, सटीक और सीमित लक्ष्य पर दिया जाता है। अब यह स्पष्ट संदेश है — भारत आतंक का जवाब केवल शब्दों में नहीं, कार्रवाई के जरिए देगा।