भारत में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद भारतीय सेना को भी नया लीडर मिल गया है। केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को भारतीय सेना का नया सेनाध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। 30 जून की दोपहर से उपेन्द्र द्विवेदी भारतीय सेना की कमान संभाल लेंगे। आपको बता दें कि भारत के वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होने जा रहा है। अब उपेन्द्र द्विवेदी उनकी जगह लेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सरकार ने अगला थलसेना प्रमुख नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 30 जून की दोपहर से प्रभावी होगी।
Government has appointed Lt Gen Upendra Dwivedi, PVSM, AVSM, presently serving as Vice Chief of the Army Staff, as the next Chief of the Army Staff with effect from the afternoon of June 30, 2024.@PMOIndia@DefenceMinIndia @giridhararamane pic.twitter.com/3H7kKmjGGO
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) June 11, 2024
अभी सेना के उपप्रमुख हैं उपेन्द्र द्विवेदी
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी PVSM, AVSM वर्तमान में भारतीय थल सेना के उपप्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। 30 जून को वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे PVSM, AVSM, VSM के रिटायर होने के बाद द्विवेदी उनकी जगह लेंगे। उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
एक माह के लिए बढ़ा था जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल
गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति से पहले जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। जनरल पांडे को 31 मई को सेवानिवृत्त होना था। सरकार के इस कदम से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि थलसेना प्रमुख पद के लिए संभवत: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की अनदेखी की जा सकती है।
सैनिक स्कूल से पढ़े हैं जनरल द्विवेदी
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद थलसेना में वरिष्ठतम अधिकारी दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने रीवा स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।
संभाल चुके हैं कई अहम जिम्मेदारी
मालूम हो कि रीवा सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था, इस इकाई की उन्होंने बाद में कमान संभाली। उनको उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित इक्सपोशर का अनूठा गौरव प्राप्त है।
विदेश में भी कर चुके हैं काम
एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 40 वर्षों की लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है।
चीन और पाकिस्तान की सीमा पर संचालन का है अनुभव
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को चीन सीमा के साथ-साथ पाकिस्तान की सीमा पर भी संचालन का व्यापक अनुभव है।
कई अहम पद पर कर चुके हैं काम
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास कश्मीर घाटी, भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सेक्टर, इंस्पेक्टरेट जनरल असम राइफल्स (आईजीएआर, पूर्व) में अपनी बटालियन की कमान संभालने का एक व्यापक अनुभव है। उन्होंने बख्तरबंद ब्रिगेड, सैन्य संचालन महानिदेशालय, सैन्य सचिव शाखा और डिवीजनल और कोर मुख्यालय में स्टाफ ऑफिसर के रूप में काम किया है।
परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी हो चुके हैं सम्मानित
मालूम हो कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास रक्षा एवं प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल. तथा सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं। उन्हें तीन जी.ओ.सी.-इन-सी. प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा मेडल (Param Vishisht Seva Medal), अति विशिष्ट सेवा मेडल (Ati Vishisht Seva Medal) से भी सम्मानित हो चुके हैं।