भीलवाड़ा में हाल ही में एक गंभीर अपराध सामने आया है, जहाँ एक युवती के साथ मुस्लिम युवकों के एक समूह ने कथित तौर पर एक वर्ष तक बलात्कार और ब्लैकमेल किया। यह मामला राजस्थान के ब्यावर में हुए एक पूर्व घटना से मिलता-जुलता है, जहाँ इसी प्रकार की घटनाएँ हुई थीं।
मामले का सारांश:
- शुरुआत: मार्च 2024 में, पीड़िता की एक मुस्लिम सहेली ने उसे अपने भाई अशरफ से मिलने के लिए दबाव डाला।
- कैफ़े में घटना: कैफ़े में मुलाकात के दौरान, अशरफ और एक अन्य युवक ने पीड़िता को नशीली कॉफ़ी पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाए।
- ब्लैकमेल और शोषण: इन तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से, आरोपियों ने पीड़िता को ब्लैकमेल किया, जिससे अन्य युवक भी उसके साथ बलात्कार करने लगे।
- अन्य लड़कियों को निशाना बनाने का प्रयास: आरोपियों ने पीड़िता पर अपनी सहेलियों से दोस्ती करवाने का दबाव डाला और उनके सोशल मीडिया हैंडल्स भी हासिल करने की कोशिश की।
पुलिस कार्रवाई:
एफआईआर दर्ज होने के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 9 नामजद आरोपियों में से 8 को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं: अशरफ, बबलू, सनवीर मोहम्मद, सोयबनर मोहम्मद, फैजान गोरी, सोहेब, खालिद, और आमिर। इनमें से अधिकांश आरोपी मजदूर, मिस्त्री, पेंटर, और मोटर मैकेनिक के रूप में कार्यरत हैं। मुख्य आरोपी अशरफ सट्टे का काम करता है, और एक अन्य आरोपी पहले से ही हत्या के मामले में आरोपित है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
भीलवाड़ा के सांसद दामोदर अग्रवाल ने इस घटना को ‘लव जिहाद’ का मामला बताते हुए एसपी से मिलकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस मामले में विदेशी फंडिंग की आशंका भी जताई है। वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया है, और विभिन्न संगठनों ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
यह मामला राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा और समाज में बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसे अपराधों को रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।