माफिया अतीक-अशरफ के साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम को यूपी एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। सद्दाम प्रयागराज में उमेश पाल एडवोकेट की हत्या के बाद से फरार था। यही वो अपराधी है, जिसने बरेली में माफिया की जड़ें जमाई थीं और जेल में बंद रहे अपने बहनोई अशरफ से माफिया गैंग के सदस्यों की बगैर रिकार्ड के मिलाई कराता था। सद्दाम के कई साथी पहले ही जेल भेजे जा चुके थे।
मोस्ट वांटेड सद्दाम की गिरफ्तारी राजधानी दिल्ली में मालवीय नगर स्थित डीडीए के फ्लैट से की गई। उसके पास से दो मोबाइल और एक हुंडई वरना कार बरामद की गयी है। बताया गया है कि फरार सद्दाम अपनी प्रेमिका से मिलने दिल्ली आया था और एसटीएफ ने सटीक सूचना मिलते ही उस पर शिकंजा कस दिया।
खतरनाक अपराधी सद्दाम के खिलाफ प्रयागराज में चार और बरेली में दो मुकदमे दर्ज चल रहे हैं। अतीक-अशरफ के साथ मिलकर उसने प्रयागराज में उमेशपाल एडवोकेट की हत्या का षडयंत्र रचा था। अतीक के बेटे समद सहित गिरोह के कई गुर्गों की उसने बरेली जेल में बंद रहे अपने बहनोई अशरफ से अवैध मुलाकात कराई थीं। धनबल के दम पर उसने बरेली जेल स्टाफ में पैठ बना ली थी, जो बगैर रिकार्ड के गुर्गों की मुलाकात अशरफ से कराते थे। सलाखों में भी उसे ऐशो-आराम के साधन मुहैया कराए जाते थे। यहां तक कि अशरफ के खाने को लखनऊ के मॉल से महंगे बिस्कुट मंगाए जाते थे।
सद्दाम ने अशरफ के बरेली जेल में शिफ्ट होते ही यहां माफिया गैंग का नेटवर्क तैयार कर लिया था। सपा नेता लल्ला गद्दी सहित कई लोकल अपराधियों को गिरोह में शामिल कर सद्दाम ने बरेली ने मुस्लिम बहुल कॉलोनी फाइक एन्क्वलेव में अपना ठिकाना बना लिया था। उसने समाजवादी पार्टी सरकार में दर्जा राज्यमंत्री रहे एक सपा नेता के परिवार की बेटी से भी दोस्ती गांठ ली थी और उसके साथ जल्द ही शादी करने वाला था। प्रयागराज में उमेश पाल एडवोकेट की हत्या के बाद अशरफ फरार हो गया था। पुलिस ने सपा नेता लल्ला गद्दी सहित कई साथियों को तो पूर्व में गिरफ्तार कर लिया मगर सद्दाम फरार था। एसटीएफ की पूछताछ में सद्दाम ने बताया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली, कर्नाटक और मुंबई में ठिकाने बदलकर पनाह लेता रहा था।