UPA सरकार में प्रधानमंत्री रहे कॉन्ग्रेस के नेता डॉक्टर मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में आज घरेलू राजनीति के लिए विदेश नीति और अधिक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो गई है। इसके अलावा, उन्होंने कई मुद्दों पर वर्तमान भाजपा सरकार की तारीफ की।
इंटरव्यू में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर नई विश्व व्यवस्था बदल-सी गई है। इस व्यवस्था को संचालित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों से शांति की अपील करते हुए भारत ने अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने की तुलना में आशावादी अधिक हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से निर्मित संवैधानिक मूल्यों के साथ एक शांतिपूर्ण बड़े लोकतंत्र और एक बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को अब विश्व स्तर पर बहुत अधिक सम्मान मिल रहा है।
ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका पर बोलते हुए देश के पहले अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान में डी-ग्लोबलाइजेशन और नए प्रकार के व्यापार प्रतिबंधों की बात हो रही है। ये मौजूदा ऑर्डर को बाधित कर सकते हैं, लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत के लिए नए अवसर भी खोल सकते हैं।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत बदलती विश्व व्यवस्था में एक अद्वितीय आर्थिक अवसर के मुहाने पर खड़ा है। एक बड़े बाजार और प्रचुर मानव और प्राकृतिक संसाधनों के साथ एक शांतिपूर्ण लोकतंत्र के रूप में भारत आने वाले दशकों में सेवाओं, विनिर्माण और उत्पादन पर जोर देकर दुनिया की एक आर्थिक महाशक्ति बन सकता है।
बताते चलें कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार पहले से ही प्रयासरत है। इसके कारण चीन की नींद उड़ी हुई है। विश्व की कई दिग्गज क्षेत्र की कंपनियाँ भारत में उत्पादन शुरू कर चुकी हैं। वहीं, विश्व स्तर पर भारत जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन आदि में कटौती को लेकर भारत का स्टैंड साफ कर चुका है।
इस तरह एक दशक तक (2004-2014) तक देश के प्रधानमंत्री रहे एक विख्यात अर्थशास्त्री का यह बयान उस वक्त में बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, जब विश्व के 20 शक्तिशाली देशों के नेता जी-20 में शामिल होने के लिए दिल्ली में पहुँचना शुरू हो चुके हैं। इसे वर्तमान सरकार की नीतियों की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।