प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कहा है कि हमारे लिए सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है. वस्तु एवं सेवा कर के लागू किए जाने के बाद घरेलू उपयोग की चीजें काफी सस्ती हो गई है. हमारी सरकार लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की यह यात्रा जारी रहेगी. एक सरकारी के आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद आटा और सौंदर्य प्रसाधन के साथ-साथ टेलीविजन और रेफ्रिजरेटर जैसे ढेरों घरेलू सामान सस्ते हो गए हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को सोशल मीडिया X अपने एक ट्वीट में जीएसटी को लागू किए जाने के बाद घरेलू उपयोग की कई चीजों के दामों में गिरावट आने का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे लिए सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है.
उन्होंने आगे कहा कि देश में जीएसटी लागू किए जाने के बाद घरेलू इस्तेमाल की कई चीजें सस्ती हो गई हैं. इससे गरीब और आम आदमी को काफी बचत हुई है. पीएम ने कहा कि हम आम लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
For us, reforms are a means to improve the lives of 140 crore Indians.
After the introduction of GST, goods for household use have become much cheaper.
This has resulted in significant savings for the poor and common man.
We are committed to continuing this journey of reforms… pic.twitter.com/dxh3BAYnHH
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2024
1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था GST
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान आर्थिक जगत में बड़ा बदलाव करते हुए एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया था, तब इसमें 17 स्थानीय कर और शुल्क शामिल किए गए थे. जीएसटी लागू किए जाने के 7 सालों में आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स लगातार कम किया गया है. हालांकि, तब यह फैसला लिया गया कि 5 वस्तुओं (प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन (एटीएफ) और कच्चा तेल) पर जीएसटी कानून के तहत बाद में टैक्स लगाया जाएगा.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद देश में घर-घर में इस्तेमाल होने वाले आटा, सौंदर्य प्रसाधन, टेलीविजन और रेफ्रिजरेटर आदि समेत कई घरेलू चीजों की कीमतों में कमी आई है.
टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बना रहेः वित्त मंत्री
इस वजह से घरेलू आय पर दबाव भी काफी कम हुआ और आम परिवारों के बजट में खासी स्थिरता भी आई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में कहा, “मैं टैक्सपेयर्स को इस बात के लिए आश्वस्त करना चाहती हूं कि हमारा इरादा जीएसटी टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बनाना है. हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं.”
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की बात पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय तब केंद्र सरकार की यह योजना थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए. इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान तो बहुत पहले ही किया जा चुका है. अब यही फैसला करना है कि राज्य जीएसटी परिषद में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे.
समय से पहले कर्ज का भुगतान करेगा केंद्र
दूसरी ओर, केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत राज्यों को मुआवजा देने को लिए गए कर्ज का समय से पहले भी भुगतान कर सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में जीएसटी राजस्व क्षतिपूर्ति को लेकर राज्यों को मुआवजा देने के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था.
अधिकारी ने बताया कि कर्ज को तय समय से करीब 4 महीने पहले नवंबर, 2025 तक चुका दिया जा सकता है. जबकि बाजार से लिए गए कर्ज का पूरा भुगतान मार्च, 2026 तक किया जाना है. जीएसटी परिषद की अगस्त में होने वाली अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.