प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित PM आवास पर लौटने का भरोसा जताया है. ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत के लोगों की 10 साल पहले की तुलना में बहुत अलग आकांक्षाएं हैं… लोगों को एहसास है कि हमारा देश उड़ान भरने को तैयार है… वे चाहते हैं कि इस उड़ान में तेज़ी लाई जाए… और वे जानते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए BJP ही बेस्ट पार्टी है, जो उन्हें यहां तक लेकर आई है…”
सबसे अच्छे दौर में भारत-अमेरिका के रिश्ते
वहीं, अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहे हैं. भारत-अमेरिका संबंधों को ‘गठबंधन’ जैसा कोई शब्द देने की बात पर PM ने कहा, “इस रिश्ते के लिए कोई सबसे उपयुक्त शब्द तलाशने का काम मैं आप पर छोड़ता हूं…” PM मोदी ने कहा, “आज, भारत-अमेरिका संबंध पहले की तुलना में जुड़ाव के मामले में कहीं ज़्यादा व्यापक हैं, समझ के मामले में कहीं ज़्यादा गहरे हैं, और दोस्ती के मामले में कहीं ज़्यादा गर्मजोशी-भरे हैं…”
धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव नहीं
प्रधानमंत्री मोदी से भारत में मुसलमानों के भविष्य को लेकर भी सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने पारसी समुदाय की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “दुनियाभर में उत्पीड़न झेलने के बाद उन्हें भारत में सुरक्षित आश्रय मिला, जहां वे खुशी से रह रहे हैं, और समृद्ध हो रहे हैं… इससे पता चलता है कि भारतीय समाज में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है…” पारसी समुदाय को भारत में रहने वाले धार्मिक रूप से सूक्ष्म-अल्पसंख्यकों में गिना जाता है, क्योंकि इनकी आबादी बेहद कम है.
लोकतंत्र और संविधान पर सवाल करने वाले हकीकत से बेख़बर
इंटरव्यू में PM मोदी ने विपक्षी सांसदों के हंगामे पर भी राय दी. उन्होंने कहा, “जो लोग भारत के लोकतंत्र और संविधान पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वे ज़मीनी हकीकत से कटे हुए हैं… इस तरह की सभी बातें निरर्थक हैं…” PM ने कहा, “हमारे आलोचकों के अपने कोई विचार हो सकते हैं, और उन्हें अपने विचार रखने की पूरी आज़ादी भी है, लेकिन आलोचना के रूप में अक्सर आरोप लगाए जाते हैं… इस तरह की बातें न केवल भारत की जनता की समझ और सूझ-बूझ का अपमान हैं, बल्कि वे देश की विविधता और लोकतंत्र के प्रति भारत के लोगों की गहरी प्रतिबद्धता की भी अनदेखी करते हैं…”
मिक्स एंड मैच फॉरेन पॉलिसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत में ऐसा माहौल बनाना है, जिससे लोगों को स्वाभाविक रूप से भारत में हिस्सेदारी मिल सके… हम ऐसी स्थितियां बनाने की आकांक्षा रखते हैं, जहां हर कोई भारत में निवेश करने और यहां अपने ऑपरेशन का विस्तार करने की अहमियत को समझे…” PM ने कहा, “हम एक ऐसी प्रणाली की कल्पना करते हैं, जहां दुनियाभर का कोई भी व्यक्ति भारत में अपने घर जैसा महसूस करे… यह उस तरह की समावेशी, वैश्विक-मानक प्रणाली है, जिसे हम बनाना चाहते हैं…”
भारत शांति का समर्थक
PM नरेंद्र मोदी ने अमेरिका-चीन के हाल के तनाव पर किए गए सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि दोनों देशों की सरकारें ही इस पर कोई उपयुक्त प्रतिक्रिया दे सकती हैं. वहीं, इज़रायल-हमास युद्ध के बारे में PM ने कहा, “मैं उस क्षेत्र में नेताओं से संपर्क में हूं… अगर भारत वहां शांति बहाली की कोशिशों को बढ़ाने में कुछ कर सकता है, तो हम निश्चित रूप से वह करेंगे…”