भारत में पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखकर विदेशी मीडिया भी हैरान है। तीन राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत को लेकर विदेशी अखबारों और चैनलों के कयास भी धरे रह गए हैं। यहां तक कि भारत को लेकर एक पक्षीय नैरेटिव गढ़ने वाले न्यूयार्क टाइम्स और बीबीसी जैसे मीडिया संस्थान भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे को देख ठगे से रह गए हैं। न्यूयार्क टाइम्स ने जहां छापा कि चुनाव परिणामों से साफ है कि मोदी का प्रभाव बढ़ा है तो वहीं बीबीसी का कहना है कि इन नतीजों से भाजपा को आगे आने वाले चुनाव में लाभ मिलना तय है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के आम चुनाव ही नहीं, विधानसभा चुनावों तक पर विदेशी मीडिया की नजर रहती है। विशेषकर तब जब यहां की अधिकांश पार्टियां खुद को सेकुलर दिखाने के चक्कर में आपसी रंजीशें भुलाकर सिर्फ मोदी विरोध के नाम पर एक होने का दिखावा करती हैं।
यही वजह है कि भारत में हाल में सम्पन्न पांच राज्यों—मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम—में हुए चुनावों को विदेशी अखबारों और चैनलों ने भी बढ़—चढ़कर कवर किया। लेकिन जो नतीजे आए, जिनमें भाजपा ने तीन राज्यों में अपनी जीत से मोदी के करिश्मे को एक बार फिर से गुंजाया है, उनको लेकर अब विदेशी अखबारों में संपादकीय और आलेखों में विशेष रूप से मोदी के जादू और मोदी की गारंटी के उल्लेख देखने में आ रहे हैं।
अमेरिका के सुप्रसिद्ध अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने छापा है कि ‘भारत में तीन विशाल राज्यों में विजय के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देश में अपने प्रभाव को और बढ़ा लिया है। ये चुनावी नतीजे भारत में अगले साल यानी 2024 में होने जा रहे आम चुनाव को देखते हुए पार्टी के लिए लाभदायक रहने वाले हैं। भारत में प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति आज पहले से भी दमदार हुई है।’
इस अखबार ने अगले माह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर को भी उल्लेख किया और छापा कि ”मोदी एक टूटी मस्जिद के स्थान पर बन रहे राम मंदिर का लोकार्पण करके अपने को और मजबूती से स्थापित कर लेंगे।” यानी इस टिप्पणी ने इस अखबार की सेकुलर टीस भी दर्शा दी है।
उधर ब्रिटेन के धुर सेकुलर मीडिया बीबीसी ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन राज्यों में जीत प्राप्त हुई है। इस चुनावी विजय का मोदी सरकार को आगे लाभ मिलना तय है। इन परिणामों से साफ दिखता है कि भारत मोदी को लगातार तीसरी बार सत्ता में वापस बिठाने का मन बना चुका है।
इसी प्रकार ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि भारत में तीन राज्यों में हुए चुनावों में मोदी को जिस प्रकार की आशा से परे जीत प्राप्त हुई है उसे देखते हुए वे अजेय प्रतीत हो रहे हैं। इन परिणामों ने विपक्षी दल कांग्रेस की दिक्कतें बेशक और बढ़ाई हैं। अगले साल होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस को मुश्किलों से दो—चार होना पड़ेगा। पाकिस्तान के समाचार चैनल जियो न्यूज ने अपनी वेबसाइट पर इस बारे में लिखा है कि विधानसभा चुनावों के परिणाम आने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी पार्टी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण विजय हैं। भारत में जल्दी ही आम चुनाव होने वाले हैं उससे पूर्व यह जीत मायने रखती है।
तुर्किये का सरकारी मीडिया टीआरटी वर्ल्ड भी चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करता है कि भारत के तीन राज्यों में भाजपा की विजय नि:संदेह नेहरू-गांधी खानदान से आने वाले राहुल गांधी के लिए एक बड़ा आघात है। किसी समय भारत की राजनीति पर सिक्का चलाने वाली कांग्रेस 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में लगातार दो बार भाजपा और मोदी से पराजित हो चुकी है। उस देश में अपने कार्यकाल के दस साल होने पर भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता आसमान पर है।
चुनाव परिणामों पर टिप्पणी करते हुए रूस के रशिया टाइम्स का कहना है कि मोदी की पार्टी ने भारत के महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव जीत लिए हैं। मध्यप्रदेश और दो अन्य बड़े राज्यों, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतकर भाजपा ने देश के मुख्य विपक्षी दल को बाहर का रास्ता दिखाया है। बेशक, चुनाव के ये नतीजे मोदी सरकार के दो खास सिद्धांतों, ‘आत्मनिर्भर भारत’ तथा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की विजय दिखाते हैं।
मुस्लिम बहुल तुर्किये का सरकारी मीडिया टीआरटी वर्ल्ड भी चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करता है कि भारत के तीन राज्यों में भाजपा की विजय नि:संदेह नेहरू-गांधी खानदान से आने वाले राहुल गांधी के लिए एक बड़ा आघात है। किसी समय भारत की राजनीति पर सिक्का चलाने वाली कांग्रेस 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में लगातार दो बार भाजपा और मोदी से पराजित हो चुकी है। उस देश में अपने कार्यकाल के दस साल होने पर भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता आसमान पर है।
इसी प्रकार अमेरिका के आर्थिक जगत के समाचारों के प्रमुख अखबार ब्लूमबर्ग का कहना है कि मोदी का एक बार फिर सत्ता में लौटना निश्चित है। हाल के विधानसभा चुनावों में विपक्ष समग्र तौर पर हारा है। उसकी यही हार है जो आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व सत्ता में बैठी भाजपा तथा मोदी को नई शक्ति देगी।