सीमा विवाद की वजह से पिछले कुछ सालों से भारत और चीन के रिश्ते में खटास पैदा हो गई है। पिछले कुछ सालों में लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के सैनिक कई बार आमने-सामने आ चुके हैं।
Jaishankar on Nehru Vs Sardar Patel's "attitude" towards China and the version the Modi government follows
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— ANI Digital (@ani_digital) January 2, 2024
वहीं, हिंद महासागर में चीन अपनी विस्तारवादी नीति पर काम कर रहा है। हालांकि, मोदी सरकार द्वारा लगातार ‘ड्रैगन’ को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन के रिश्तों पर विस्तार से चर्चा की।
#WATCH | On being asked if India always lost to China at the mind games, EAM Dr S Jaishankar says, "I don't think we always lost out, but at various points of time, when we talk about the parts of the past today would be very difficult to understand, Panchsheel agreement is… pic.twitter.com/eEzjwLKidK
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चीन को लेकर पटेल और नेहरू की सोच थी अलग: विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने कहा,“शुरुआत से ही जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है। मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की नीति के अनुरूप काम कर रही है। हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा।”
#WATCH | On PM Modi's 'chemistry' & 'credibility' with world leaders, EAM Dr S Jaishankar says, "…When we see India is growing & our interests are growing that we need to be much more engaging and there must be that kind of connect…The fact that world leaders know PM Modi,… pic.twitter.com/z8X5zKW7VP
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चीन के प्रति नेहरू के दृष्टिकोण पर विदेश मंत्री ने उठाए सवाल
भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दृष्टिकोण में अंतर बताते हुए जयशंकर ने दोनों दिग्गजों के बीच मतभेद पर जोर डालते हुए कहा,” संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट को लेकर यह मेरा मामला नहीं है कि हमें अनिवार्य रूप से सीट लेनी चाहिए थी, यह एक अलग बहस है, लेकिन यह कहना कि हमें सीट को हासिल करने का मौका पहले चीन को जाने देना चाहिए। चीन का हित पहले आना चाहिए, यह एक बहुत ही अजीब बयान है।”
#WATCH | On the debate surrounding the term 'Bharat', EAM Dr S Jaishankar says, "There's a very active debate right now. In many ways, people use that debate for their own narrow purposes. The fact is the term 'Bharat' has not just a cultural civilizational connotation, but also… pic.twitter.com/fk7R3fW06G
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा,”ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है। मैं इस मुद्दे को इस तरह से प्रस्तुत करता हूं कि यदि आप हमारी विदेश नीति के पिछले 75 से अधिक वर्षों को देखें, तो उनमें चीन के बारे में यथार्थवाद कम और आदर्शवाद, गैर-यथार्थवाद दिखा।”
#WATCH चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है…मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है…हमने ऐसे… pic.twitter.com/0UJZkCL8Yn
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चीन के साथ माइंड गेम खेलने को लेकर जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-चीन संबंधों का विकास सम्मान, संवेदनशीलता और हित के तीन पारस्परिक तत्वों द्वारा निर्देशित होता है। चीन के साथ माइंड गेम खेलने के बारे में विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम हमेशा हारे हैं, लेकिन पहले ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिन्हें आज समझना बहुत मुश्किल है। पंचशील समझौता इसका उदाहरण है।
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar answers if he has written the book 'Why Bharat Matters', as an academician, diplomat or a politician
"I think a mixture of all of them. The diplomat in me has the domain knowledge and the experience. The politician in me feels the need to communicate… pic.twitter.com/5mkCtTnY3W
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विदेश मंत्री ने आगे कहा,”हम सदियों पुरानी सभ्यताएं हैं और जब हम एक दूसरे से रिश्ते आगे बढ़ाएं तो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।”