मध्य प्रदेश से सुबह-सुबह एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार हुआ है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली है। रामनिवास रावत श्योपुर ज़िले की विजयपुर विधानसभा से विधायक हैं और उन्हें ओबीसी समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है।
रामनिवास रावत कौन हैं?
रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक रहे हैं और पहले भी दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे हैं। वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के सामने कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
क्या है कांग्रेस से नाराजगी की वजह?
रामनिवास रावत की गिनती सीनियर नेताओ में होती है। वह इसलिए कांग्रेस से नाराज हुए क्योंकि आलाकमान द्वारा लगातार उनकी अनदेखी की जा रही थी। उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बनाया गया, ये भी उनकी नाराजगी की एक अहम वजह रही। इसके अलावा जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी, तब भी उन्हें कोई पद नहीं दिया गया था।
आज राजभवन में महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जी की गरिमामयी उपस्थिति में मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार हेतु आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सहभागिता की।
महामहिम राज्यपाल जी ने श्री रामनिवास रावत जी को मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मैं उन्हें हार्दिक बधाई एवं… pic.twitter.com/gHUpy119na
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 8, 2024
कब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए?
30 अप्रैल को एक जनसभा में रामनिवास रावत ने सीएम डॉ मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और डॉ नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली थी। ये कांग्रेस के लिए काफी चौंकाने वाली खबर थी। रविवार को रामनिवास रावत ने 7 दिनों तक चलने चली भागवत कथा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया था। इसके बाद वह सीएम हाउस के बुलावे पर भोपाल रवाना हो गए थे।
ग्वालियर-चंबल में पार्टी को मिली मजबूती
रामनिवास रावत के भाजपा में आने से ग्वालियर-चंबल में पार्टी को मजबूती मिली है। यही वजह है कि प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक रामनिवास रावत के नाम पर पहले ही स्वीकृति दे चुका था। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने रविवार शाम राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल से सौजन्य भेंट कर मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी दी।
रामनिवास रावत के अलावा दो और विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें थीं। इनमें कांग्रेस से भाजपा में आए और अमरवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक पद छोड़कर उपचुनाव लड़ रहे कमलेश शाह और बीना से विधायक निर्मला सप्रे शामिल हैं। हालांकि, इनके नामों पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। बता दें, मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों के लिए जगह है। फिलहाल 30 मंत्री हैं और अधिकतम 34 हो सकते हैं।
विधानसभा से आज त्याग पत्र देंगे राम निवास
मंत्री पद की शपथ लेने के पहले राम निवास रावत सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दो दिन पहले उनकी और निर्मंला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी।
कांग्रेस से भाजपा में गए तीन विधायकों में कमलेश शाह के बाद सदन की सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले वह दूसरे नेता हैं। रावत और सप्रे यह तर्क देते रहे हैं कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता ही नहीं ली है, इसलिए इस्तीफा नहीं देंगे। रावत के त्याग पत्र देने से विजयपुर विधानसभा में उप चुनाव होगा।