विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज कहा कि भारत का संविधान और न्यायपालिका बार-बार कहती है कि कॉमन सिविल कोड लागू होना चाहिए। वर्तमान सरकार ने लॉ कमीशन की स्थापना की। लॉ कमीशन ने सम्पूर्ण देश की राय जानने के लिए एक निमंत्रण भेजा। यह स्वागत योग्य कदम है। इससे बड़ी और कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं हो सकती।
डॉ जैन ने कहा कि जिसका विरोध है, वह दर्ज कर सकता है। जिसके सुझाव हैं वे दे सकते हैं। जो सहमत हैं वह अपनी सहमति दे सकते हैं। लेकिन इस मौके का उपयोग जिस प्रकार कुछ मुस्लिम नेताओं तथा मुल्ला- मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने के लिए किया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वे कहते हैं कि यह हमारे शरियत पर हमला है। भारत में जो शरियत है, वह तो 1937 में अंग्रेजों की दी हुई है।
डॉ सुरेंद्र जैन ने पूछा है कि क्या भारत की शरियत सऊदी अरब, इराक, इरान की शरियत जैसी ही है ? यदि अल्लाह की होती तो पुरी दुनियाँ में एक जैसी शरियत होती। उन्होंने मुस्लिम नेताओं से कहा कि वे मुस्लिम समाज को शरियत के नाम पर भड़काना बंद करें।
समान नागरिक कानून का विरोध कर रहे मुसलमानों से उन्होंने पूछा है कि क्या आप नहीं चाहते कि आपकी बच्चियाँ तीन तलाक के डंक से मुक्त हों और हवाला जैसी पीड़ा उन्हें सहनी न पड़े? मुताह निकाह के लिए अरब के शेख भारत में आकर 12-13 साल की बच्चियों को वेश्या के तौर पर रख कर उनका यौन शोषण करते हैं और फिर छोड़कर चले जाते हैं। उन बच्चियों को इस घृणित परंपरा से मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ सकें।
उन्होंने कहा कि अब तो आपने सभी सीमायें पार कर दी हैं। क्यू आर कोड जारी कर रहे हैं, ताकि सब एक जैसा बोले और लिखे। कल जुम्में का दिन है यौमे नमाज की घोषणा की गई है ताकि पूरे देश का मुस्लिम समाज सड़कों पर उतरे, नमाज करे और कॉमन सिविल कोड का विरोध करे।
क्यू आर कोड बांटने वालो से डॉ. सुरेन्द्र जैन ने पूछा हैं कि क्या वे इस बात का आश्वासन दे सकते हैं कि देश में इसको लेकर कोई सिरफिरा सड़कों पर उतरकर हिंसा नहीं करेगा?