उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित आला हजरत के उर्स में आए कुछ मुस्लिमों ने खलील चौराहे की सड़क पर नमाज पढ़ने लगे। जब पुलिस ने उन्हें देखा तो उन्हें वहाँ से हटा दिया। इसको लेकर पुलिस ने उनकी नोंक-झोंक भी हुई। पुलिस का कहना था कि पास में ही उर्स स्थल है, वहाँ नमाज पढ़ी जाए। सड़कों पर नमाज पढ़ने से जाम लग रहा था। वहीं, एक मौलाना ने इसको लेकर पुलिस पर आरोप लगाया है।
ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के युवा इकाई के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह रजा कादरी ने नमाजियों को सड़क पर से हटाने पर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोतवाली पुलिस ने नमाजियों के साथ अभद्रता की। इसलिए आरोपित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को कुछ लोगों ने पोस्टर फाड़े थे। उनकी भी पहचान करके जल्द से जल्द कार्रवाई हो।
उर्स के दौरान इलाके के खजुरिया जुल्फिकार में मुस्लिमों ने नई प्रथा शुरू की कोशिश की। इसको लेकर गाँव के हिंदू पक्ष के साथ उनकी तानातनी हो गई। शुक्रवार (30 अगस्त 2024) को चादरों का जुलूस निकाला जा रहा है। उसी दौरान गाँव में रहने वाले हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि मुस्लिमों द्वारा यह एक नई परंपरा डालने की कोशिश की जा रही है।
इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर क्राइम यशपाल सिंह ने बताया कि गाँव से चादरों का जुलूस नहीं निकलता था। इस बार कुछ लोगों ने इसे निकालने का प्रयास किया था। इसलिए विरोध हुआ। बाद में दोनों पक्षों में सहमति बनी कि गाँव के 300 मीटर दूर तक कोई भी जुलूस के तौर पर नहीं निकलेगा। इस दायरे के बाद सड़क पर मुस्लिम पक्ष जुलूस निकाले तो हिंदू पक्ष आपत्ति नहीं करेगा।