ड्रग्स फ्री इंडिया के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, इन्हीं सब के बीच अब ड्रग्स फ्री इंडिया के लिए NCB ने अध्यात्म का सहारा लिया है. NCB ने दिल्ली में ‘मिशन स्पंदन’ के तहत पांच प्रमुख आध्यात्मिक संगठनों के साथ एक MOU साइन किया है. इस MOU के तहत ड्रग्स, दवाओं के दुरुपयोग और इसकी की लत से निपटना है. एनसीबी के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने कहा कि मिशन स्पंदन नशा मुक्त भारत को बढ़ावा देने के प्रयासों को एकजुट करता है.
एनसीबी की तरफ से आनंद प्रकाश तिवारी, डीडीजी (विशेष विंग, कानूनी और जागरूकता) ने MOU पर साइन किए. इस MOU में आर्ट ऑफ लिविंग, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी, इस्कॉन, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन और राम चंद्र मिशन सहित आध्यात्मिक संगठन भी शामिल हैं.
With the visionary guidance of Hon’ble Union Home Minister and under the esteemed leadership of DG Shri Anurag Garg, IPS, @narcoticsbureau, through #MissionSPANDAN, joined hands with Art of Living, Prajapita Brahma Kumari, ISKCON, Sant Nirankari Charitable Foundation, and Shri… pic.twitter.com/kYBz5zdJ2k
— NCB INDIA (@narcoticsbureau) December 3, 2024
भारत में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने आध्यात्मिक संगठनों के साथ एक नई साझेदारी की शुरुआत की है। इस पहल के तहत, MOU (सहमति ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य देशभर में नशा उन्मूलन और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
सहयोग का ढांचा:
- NCB का योगदान:
- तकनीकी मदद और शैक्षणिक संसाधन प्रदान करना।
- स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों के साथ समन्वय करना।
- नशे के व्यापार और तस्करी को रोकने के लिए अभियान तेज करना।
- आध्यात्मिक संगठनों की भूमिका:
- अपने जमीनी नेटवर्क के माध्यम से लोगों को जोड़ना।
- नशे के आदी लोगों से संवाद स्थापित करना और उन्हें पुनर्वास के लिए प्रेरित करना।
- जागरूकता अभियान चलाकर समाज में नशे के दुष्प्रभावों को उजागर करना।
नशे की समस्या का मौजूदा परिदृश्य:
- युवाओं पर असर:
- 2018 के सर्वे के अनुसार, भारत में 15.3 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार के नशे के आदी हैं।
- 10-17 वर्ष की आयु के लगभग 2 लाख युवक हेलुसीनोजेन का सेवन करते हैं।
- 18-75 वर्ष की आयु में यह संख्या 11 लाख से अधिक है।
- प्रमुख नशे:
- शराब, गांजा, ड्रग्स और नशीली दवाओं का सबसे अधिक सेवन किया जा रहा है।
- यह समस्या विशेष रूप से युवाओं को अधिक प्रभावित कर रही है।
- ड्रग्स जब्ती:
- देशभर में ड्रग्स और अन्य नशे की सामग्रियों की तस्करी के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाइयां की जा रही हैं।
- नशे की खेप जब्त करना और तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करना प्राथमिकता है।
जागरूकता और पुनर्वास पर जोर:
यह पहल सिर्फ तस्करी रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि नशे के शिकार लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने पर भी केंद्रित है। आध्यात्मिक संगठनों का जुड़ाव इस दिशा में एक नई उम्मीद लेकर आया है, क्योंकि वे मानसिक और सामाजिक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं।
भविष्य की उम्मीदें:
इस पहल से न केवल नशे की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह समाज में जागरूकता और पुनर्वास के माध्यम से युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेगी। NCB और आध्यात्मिक संगठनों का यह समन्वय एक स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।