भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख के द्रास में कारगिल विजय दिवस समारोह में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने इस दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा देश हमेशा वीरों का कर्जदार रहेगा। आपको एक खास बात बता दें कि पीएम मोदी साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी इस क्षेत्र में आए थे और जवानों का हौसला बढ़ाया था। उस वक्त नरेंद्र मोदी न तो पीएम थे और न ही सीएम। वह किसी बड़े अहम पद पर भी नहीं थे। आइए जानते हैं इस पूरे किस्से के बारे में।
कारगिल युद्ध के हीरो ने बताया किस्सा
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल ठाकुर दो कि कारगिल युद्ध का हिस्सा थे। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के कारगिल युद्ध के दौरान यात्रा का जिक्र किया है। खुशाल ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी कारगिल युद्ध के दौरान न तो मुख्यमंत्री थे और न ही किसी अन्य महत्वपूर्ण पद पर। इसके बावजूद भी वह वो साधारण तरीके से इतनी फ़ायरिंग के बीच जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए कारगिल आए थे और हॉस्पिटल में जाकर भी उन्होंने जवानों से मुलाकात की थी।
कर्नल (अब ब्रिगेडियर होकर रिटायर हो चुके हैं )कुशाल ठाकुर से सुनिए कि कैसे टाइगर हिल की विजय के बाद नवाज़ शरीफ़ डर के अमेरिका गए और सीज़फायर करने की बात कहने लगे लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने कह दिया “ जब तक एक एक सीमा चौकी से इन पाकिस्तानियों को हम खदेड़ नहीं देते तब तक… pic.twitter.com/2In8VtDTA0
— Manish Prasad (@manishindiatv) July 6, 2024
पीएम मोदी ने भी साझा किया था किस्सा
साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मुझे वहां जाने और देश के बहादुर सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का अवसर मिला थ। पीएम मोदी ने कहा कि ये ऐसा वक्त था जब वह जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भाजपा के लिए काम कर रहे थे। पीएम मोदी ने बताया था कि कारगिल की यात्रा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है।
During the Kargil War in 1999, I had the opportunity to go to Kargil and show solidarity with our brave soldiers.
This was the time when I was working for my Party in J&K as well as Himachal Pradesh.
The visit to Kargil and interactions with soldiers are unforgettable. pic.twitter.com/E5QUgHlTDS
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2019