गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन पर आरोप है कि सभी ने 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर 27 अभ्यर्थियों से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पास कराने में कथित तौर पर मदद करने की कोशिश की. 9 मई को एक एफआईआर दर्ज की गई. इसके मुताबिक मामले पर से पर्दा तब उठा जब गोधरा के एक स्कूल में नीट-यूजी के लिए परीक्षा का केंद्र बनाया गया.
दर्ज एफआईआर के मुताबिक अज्ञात द्वारा पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए गड़बड़ कर रहे हैं. इसके बाद पांच मई को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया. पुलिस अधीक्षक हिमांशु सोलंकी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में तुषार भट्ट, स्कूल के प्रधानाचार्य पुरुषोत्तम शर्मा, वडोदरा के शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय, उनके सहयोगी विभोर आनंद और बिचौलिया आरिफ वोहरा शामिल हैं.
छापेमारी में मिले 2.30 करोड़ रुपये के चेक
जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर गोधरा तालुका पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार भट्ट से सात लाख रुपये नकद बरामद किए गए. तुषार भट्ट, जय जलाराम स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और उन्हें शहर में नीट के लिए उप केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था. पुलिस अधीक्षक सोलंकी ने कहा, ‘रॉय ने अपने कम से कम 27 छात्रों को यह भरोसा दिलाया था कि वह 10 लाख रुपये लेकर उन्हें परीक्षा पास कराने में मदद कर सकते हैं. छापेमारी के दौरान हमें उनके कार्यालय से 2.30 करोड़ रुपये के चेक मिले.
एक-एक छात्र से परीक्षा पास कराने के लिए दस-दस लाख में डील की
इस पूरे मामले में जय जांच तेज की गई तो पता चला कि तुपाट भट्ट को आटिफ वोटा ने एजेंट के तौर पर छात्रों से मुलाकात करवा कर एक-एक छात्र से पटरीक्षा पास कटाने के लिए दस-दस लाख में डील की थी और सात लाख रूपये एडवांस लिए थे। भट्ट ने एडवांस लेने वाले छात्रों को ओएमआर शीट खाली छोड़ने के निर्देश दिए थे, ताकि शीट को भटकर उन्हें पास कराया जाए।
पुलिस ने वडोदरा से लेकर पंचमहल तक छापामारी की और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया
पंचमहल पुलिस ने वडोदटा से लेकर पंचमहल तक छापामाटी की और पांच आटोपियों को गिरफ्त्तार किया। इस पूरे मामले में स्कूल के चेयरमैन ने कहा कि भरा टीचर था और नीट पटरीक्षा का सुपरवाइजर था जिसे सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच अव पुलिस और शिक्षा विभाग साथ मिलकर करेगा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में टीचर तुपार भट्ट, प्रिसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, रॉय ओवरसीज परशुराम टाँव, टॉय का साथी विभोट आनंद और एक विचौलिया आरिफ वोटा थामिल है।
सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं
मुख्य आटोपी तुपार भट्ट ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया। गोधरा सेशन कोर्ट ने नीट एग्जाम में हुए इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए जिला पुलिस की कार्रवाई की सराहना की। पुलिस ने इस पूरे सामले में सामने आए छात्रों के नाम के आधार पर संदिग्ध छात्रों और अभिभावकों तक के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस जाच में यह सामने आया है कि टॉय ओवरसीज के मालिक परशुराम टॉय ने कई छात्रों के माता पिता से मेडिकल प्रवेश के लिए पैसे केश में ओट चेक से लिए थे।
पुलिस ने एनटीए से कई अहम जानकारियां मांगी है
पुलिस के मुताबिक एनटीए से जानकारी मांगी गई है कि परीक्षा केसे कंडक्ट कराई जाती है और एग्जाम के ऑब्जर्वर और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया तक की जानकारी पुलिस जुटा रही है। आरोपियों से बरामद फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।
पूछताछ में हुआ खुलासा
सूत्रों के अनुसार जिन 27 छात्रों ने पहले भुगतान किया था या रॉय व अन्य को पैसे देने पर सहमत हुए थे, उनमें से केवल तीन अभ्यर्थी ही परीक्षा पास कर पाए. एफआईआर के अनुसार, जिला अतिरिक्त कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी परीक्षा के दिन स्कूल पहुंचे और वहां भट्ट से पूछताछ की. जब शक हुआ तो उन्होंने उसके मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें उन्हें 16 अभ्यर्थियों की सूची मिली, जिसमें उनके नाम, रोल नंबर और परीक्षा केंद्र थे, जो रॉय द्वारा उसके व्हाट्सएप नंबर पर भेजे गए थे.