नीट यूजी-2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने कहा है कि दोबारा नीट-यूजी परीक्षा नहीं होगी.इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, क्या कोर्ट का यह कहना उचित होगा कि पेपर लीक से जुड़ी कुछ सामग्री हजारीबाग और पटना से बाहर गई है, ऐसा मानते हुए आज हम परीक्षा रद्द कर दें. अगर हम दोबारा परीक्षा का आदेश देते हैं तो छात्रों को पता होना चाहिए कि उन्हें तैयारी शुरू करनी होगी और अगर हम नहीं करते हैं तो उन्हें यह भी जानना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम छात्रों को लटकाए नहीं रख सकते. इसलिए हमें सुनवाई आज ही खत्म करनी होगी. एसजी ने कहा कि मैं बहस के लिए 20-25 मिनट से ज्यादा नहीं लूंगा. केंद्र और एनटीए की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें पेश कर रहे हैं.
सीजेआई ने वकील नेदुम्पारा को लगाई कड़ी फटकार
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान बीच में बोलने पर वकील नेदुम्पारा को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा, मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. आप गैलरी से बात नहीं करेंगे. मैं कोर्ट का प्रभारी हूं. सिक्योरिटी बुलाओ और इन्हें हटाओ. इस पर नेदुम्पारा ने कहा, मैं जा रहा हूं. सीजेआई ने कहा कि आपको ऐसा कहने की जरूरत नहीं है. आपका यहां कोई काम नहीं है. मैंने पिछले 24 वर्षों से न्यायपालिका देखी है.
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा। pic.twitter.com/3MNNhG8Xaq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2024
सीजेआई ने कहा, मैं इस अदालत में वकीलों को प्रक्रिया तय करने नहीं दे सकता. इसके बाद नेदुम्पारा ने कहा, मैंने इसे 1979 से देखा है. इस पर CJI ने कहा, मुझे कुछ ऐसा जारी करना पड़ सकता है जो उचित नहीं है. इसके बाद एसजी ने कहा कि यह अपमानजनक है . इसके बाद नेदुम्पारा ने CJI से माफी मांगी.
दोबारा परीक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं
उन्होंने कहा, मुझे खेद है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया. वैसे भी मैं इस बहस से आश्चर्यचकित हूं. हम पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है और हम सीबीआई के साथ चर्चा कर रहे हैं. किसी आम आदमी से भी पूछो कि पेपर लीक हुआ है. दोबारा परीक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह असुविधाजनक हो सकता है लेकिन असुविधा को कम करना ही इसका एकमात्र समाधान है.
CJI ने SG से पूछा, क्या आपने एक समिति गठित की है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हमारी एक 7 सदस्यीय समिति है. इसके अध्यक्ष इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. के. राधाकृष्णन हैं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. कमेटी के मुताबिक, विवादित सवाल का जवाब ‘D’ बताया है. दरअसल, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया था कि वह नीट यूजी एग्जाम में पूछे गए सवाल नंबर 19 यानी फिजिक्स के प्रश्न का सही उत्तर बताए.
IIT दिल्ली ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके भौतिकी विशेषज्ञों की राय है कि एक प्रश्न के लिए सिर्फ एक विकल्प “परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज होते हैं” सही है. दूसरा विकल्प, “प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं” सही है. NTA ने दोनों विकल्पों में से किसी एक को सही चुनने वालों को पूरे 4 अंक देने का फैसला किया था. करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने पहला विकल्प चुना था, जबकि 4 लाख से अधिक ने दूसरा विकल्प चुना था.
भौतिकी विभाग से 3 विशेषज्ञों ने सवाल की जांच की
CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि IIT दिल्ली की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें कहा गया है कि IIT दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर बनर्जी ने भौतिकी विभाग से तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की, जिसने चौथे ऑप्शन को ही सही माना है. वहीं, एक वकील द्वारा व्यक्तिगत मामले को उठाए जाने पर CJI ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को व्यक्तिगत शिकायतें हैं हम उन्हें हाईकोर्ट जाने को कह सकते हैं. मुझे नहीं लगता कि इस कोर्ट का काम व्यक्तिगत शिकायतों पर गौर करना है. हम उन मामलों को अलग कर देंगे.
टॉप 100 छात्रों मे से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले- सीजेआई
सॉलिसिटर जनरल की दलील को लेकर CJI ने पूछा कि टॉप 100 छात्रों मे से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले थे? इस पर एसजी ने कहा कि इसकी पूरी जानकारी देंगे. NEET-UG की परीक्षा में व्यापक स्तर और गड़बड़ी नहीं हुई है क्योंकि टॉप 100 कैंडिडेट 95 सेंटर और 56 शहरों से हैं. याचिकाकर्ताओं ने कुछ सेंटर मे गड़बड़ी की ओर इशारा किया है, लेकिन यह 24 लाख छात्रों से जुड़ा मसला है. कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या गड़बड़ी का पूरे देश पर असर हुआ है. इसका जवाब है कि पूरे देश पर कोई असर नहीं हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुरुआत में गलत केनरा बैंक का पेपर दिया गया था? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ सेंटर पर प्रश्नपत्र अलग-अलग भाषा के माध्यम वाले भी दिए गए थे, जिनमें सवाई माधवपुर, राजस्थान और गाजियाबाद शामिल थे. इसपर एसजी ने कहा कि गाजियाबाद के बारे में इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. कोर्ट ने पूछा कि इसका पता कब चला? याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सवाई माधवपुर में छात्रों को ढाई बजे सोशल मीडिया पर पता चला और यह हलफनामे में कहा गया है. दो बजे परीक्षा शुरू हुई, प्रश्न दिए गए और छात्रों ने शिकायत की कि यह मेरे मीडियम का पेपर ही नहीं है, जबकि ये बात NTA को उसी दिन साढ़े चार बजे पता चली.
एजजी ने कहा कि NEET में पर्सेंटाइल सिस्टम है और पर्सेंटाइल एक आंकड़ा गणना के बाद आता है और इस परीक्षा में पर्सेंटाइल 50 था, जो इस परीक्षा में 164 अंक आया है, जबकि पिछले साल यह अंक 137 था. इससे ये पता चलता है कि इस साल छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है और 24 लाख छात्रों का यह बैच अधिक मेहनती था और पाठ्यक्रम कम किया गया था.