सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बहस के दौरान एक वकील को बीच में टोंकते हुए चेतावनी दी. दरअसल कोर्ट में बहस के दौरान वकील ऊंची आवाज में बोलने लगे, जिसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने उन्हें रोकते हुए कहा, “एक सेकंड, आप अपनी आवाज धीमी करें, नहीं तो मैं आपको कोर्ट से बाहर करवा दूंगा.” उन्होंने उस वकील से पूछा कि आप आमतौर पर कहां प्रक्टिस करते हैं?
“अपनी आवाज धीमी करें”
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने वकील को टोकते हुए अधिक सम्मानजनक और नपे-तुले दृष्टिकोण पर जोर देने को कहा. उन्होंने कहा कि एक सेकंड, अपनी आवाज़ धीमी करें. आप भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली अदालत के सामने बहस कर रहे हैं; अपनी आवाज़ धीमी करें, अन्यथा, मैं आपको अदालत से बाहर करवा दूंगा.
हमें डरा नहीं सकते- सीजेआई
इसके बाद उन्होंने वकील से कहा, “आप अपनी आवाज उठाकर हमें डरा नहीं सकते. मेरे 23 साल के करियर में कभी ऐसा नहीं हुआ और मेरे आखिरी साल में भी ऐसा नहीं होगा. आप अपनी आवाज नीचे कीजिए.” चीफ जस्टिस की कड़ी चेतावनी के बाद वकील ने तुरंत माफी मांगी और आवाज को कम करते हुए अपनी बात रखी.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, “क्या देश की पहली अदालत के सामने आप इसी तरह से बहस करते हैं? आप हमेशा जजों पर इसी तरह चिल्लाते हैं? अपनी पिच कम करके बहस कीजिए.”
“क्या यह कोई बाजार है”
मुख्य न्यायाधीश की कड़ी चेतावनी से अचंभित हुए वकील ने तुरंत माफी मांगी और अधिक विनम्र तरीके से अपनी बात आगे बढ़ाई. बता दें कि आज की घटना पहली बार नहीं है जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोर्ट रूम की मर्यादा बनाए रखने को कहा है. एक अन्य अवसर पर, मुख्य न्यायाधीश ने अपने अदालत कक्ष के अंदर एक वकील के मोबाइल फोन पर बात करने पर कड़ी आपत्ति जताई. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या यह कोई बाजार है कि आप फोन पर बात कर रहे हैं. उसका मोबाइल फोन जब्त कर लीजिए.
पहले भी वकील पर भड़के हैं चीफ जस्टिस
यह पहली बार नहीं है जब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट की मर्यादा बनाए रखने को लेकर चेतावनी दी. इससे पहले कोर्ट के अंदर एक वकील मोबाइल फोन पर बात करने लगे जिस पर चीफ जस्टिस ने कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि यह कोई बाजार नहीं है, जहां आप फोन पर बात कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने उस वकील का फोन जब्त करने के लिए कहा था.
पिछले साल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ एक वरिष्ठ वकील पर जोर से चिल्लाए थे, क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट से बार के वकीलों के लिए भूमि से संबंधित एक मामले को आगे बढ़ाने का आग्रह कर रहे थे. जिसके बाद सीजेआई ने गुस्से में कहा था, “चुप रहिए… आप हमें डरा नहीं सकते. अभी कोर्ट के बाहर चले जाएं.”