प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के जरिये गैरकानूनी सट्टेबाजी और गेमिंग से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में रायपुर की विशेष अदालत में नया आरोपपत्र दाखिल किया. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संघीय एजेंसी ने दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोप) को दुबई के अधिकारियों से भी साझा किया है ताकि ऐप के दो प्रमुख प्रवर्तकों रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर का निर्वासन या प्रत्यर्पण कराया जा सके.
दोनों को हाल में ईडी की पहल पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के तहत दुबई में हिरासत में लिया गया था. माना जा रहा है कि एजेंसी ने पहले आरोप पत्र की सामग्री संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों से साझा की थी जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया.
ईडी के कहने पर इंटरपोल की ओर से जारी किया गया था नोटिस
ईडी के कहने पर दोनों को हाल ही में इंटरपोल की ओर से जारी रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया था। समझा जाता है कि एजेंसी ने पहले आरोपपत्र की सामग्री यूएई के अधिकारियों के साथ साझा की जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया गया जिसके बाद इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया।
अधिकारियों ने बताया कि करीब 1,700-1,800 पन्नों का नया आरोपपत्र एक जनवरी को दायर किया गया और कथित कैश कूरियर असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव, एप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी समेत पांच आरोपियों को आरोपी बनाया गया है। ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत 10 जनवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान ले सकती है।
दिसंबर में खबर आई थी कि संघीय एजेंसी जल्द ही मामले में दूसरा आरोपपत्र दायर करेगी और दोनों प्रवर्तकों के खिलाफ अपने मामले को मजबूत करने और उनकी हिरासत हासिल करने के लिए इसकी सामग्री दुबई के अधिकारियों के साथ साझा करेगी। दास और यादव को एजेंसी ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले नवंबर में गिरफ्तार किया था।
राजनेताओं को रिश्वत देने का किया गया था दावा
एप के मालिक होने का दावा करने वाले सोनी ने इससे पहले एक वीडियो बयान जारी किया था और ईडी को एक हलफनामा भेजा था, जिसमें दावा किया गया था कि उनके पास राजनेताओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों को रिश्वत दिए जाने के बारे में “सबूत” हैं, ताकि एप को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के अपना अवैध व्यवसाय चलाने की अनुमति दी जा सके। एजेंसी ने रायपुर में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दायर अपने पहले आरोपपत्र में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य को भी नामजद किया था।
ईडी ने पहले आरोपपत्र में आरोप लगाया कि चंद्राकर की शादी फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में हुई थी और इस कार्यक्रम के लिए करीब 200 करोड़ रुपये ”नकद” खर्च किए गए थे जिसमें उनके रिश्तेदारों को भारत से यूएई लाने के लिए निजी विमानों को किराए पर लिया गया था और मशहूर हस्तियों को प्रस्तुति देने के लिए भुगतान किया गया था। एजेंसी ने पहले कहा था कि एप के जरिए कमाए गए कथित अवैध धन को राज्य में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत के रूप में साझा किया गया था, जबकि एजेंसी ने भुगतान के तरीके और ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच के साथ उनके संबंधों पर पूछताछ के लिए कई हस्तियों और बॉलीवुड अभिनेताओं को भी तलब किया है।
महादेव एप मामले में अवैध तरीके से की गई छह हजार करोड़ रुपये की कमाई
ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले नवंबर में दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और असीम दास की ओर से दिए गए बयान में चौंकाने वाले आरोप लगाए गए हैं। इसके अनुसार महादेव सट्टेबाजी एप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि खराब करने का प्रयास बताया था, जबकि कांग्रेस ने अपने तत्कालीन सीएम के खिलाफ इसे केंद्र की “प्रतिशोध की राजनीति” कहा था।
दास ने बाद में रायपुर में विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है और उन्होंने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई। दोनों प्रमोटर छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के रहने वाले हैं और महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग एप्लिकेशन एक अंब्रेला सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट्स को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है।