नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सदन को संबोधित किया। इस दौरान सदन में ‘मोदी… मोदी…’ के नारे गूँजे। प्रधानमंत्री ने भारतीय डाक विभाग के स्मारक डाक टिकट जारी किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए 75 रुपए का सिक्का जारी किया।
सदन में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। उन्होंने कहा, “आज ऐसा ही अवसर है। आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना हुई।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूँ। ये सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है। नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है, नई सोच है। दिशा नई है, दृष्टि नई है, संकल्प नया है, विश्वास नया है। उन्होंने कहा, जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है। जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है। इसलिए चलते रहो।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के बाद भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी। वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ाव से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों में भारत की आजादी की 100वीं वर्षगाँठ होगी। इस अवसर पर भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य होना चाहिए।
संसद भवन की नई इमारत की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा, “संसद की नई इमारत इस प्रयास का जीवंत प्रतीक बनी है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी, कला भी है, कौशल भी है। इसमें संस्कृति और संविधान के स्वर भी हैं। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। देश के अलग-अलग हिस्सों की विविधता को नए भवन में समाहित किया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है, बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी (लोकतंत्र की जननी) भी है। यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है। लोकतंत्र भारत का ‘संस्कार’, विचार और परंपरा है। नए भवन को लेकर उन्होंने कहा, “यह भवन आधुनिक सुविधाओं और नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है। इसने 60,000 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया है। हमने उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान करने के लिए एक डिजिटल गैलरी बनाई है।”
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने 9 साल की रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया। उन्होंने कहा कि ये 9 साल भारत में नवनिर्माण के रहे हैं। गरीब कल्याण के रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नौ साल में गरीबों के 4 करोड़ घर बनाने का भी संतोष है। मुझे बीते नौ साल में बने 11 करोड़ शौचालयों का भी संतोष हैं, जिन्होंने महिलाओं की गरिमा की रक्षा की, उनका सिर ऊंचा कर दिया।
उन्होंने आगे कहा, “बीते नौ साल में गाँवों को जोड़ने के लिए चार लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण हुआ। हमने पानी की एक-एक बूँद बचाने के लिए 50,000 से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया है। हमने नई संसद भवन का निर्माण किया है तो देश में 30,000 से ज्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। हमारी प्रेरणा एक ही है- देश का विकास, देश के लोगों का विकास।”
नए संसद भवन में अपने भाषण को खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न दलों के कई वरिष्ठ नेताओं मुलाकात की और उनसे बातचीत की। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं।
इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश पढ़ा। उन्होंने कहा, “इस बात का संतोष है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। संसद का नया भवन नीतियों के माध्यम से हासिए पर पड़े हुए लोगों सहित सभी देशवासियों की आवश्यकताओं का समाधान सुनिश्चित करेगा। ये लोकतंत्र का पालना है।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के संदेश को पढ़ते हुए हरिवंश नारायण सिंह ने कहा, “नया संसद भवन सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। नई संसद गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक है। देश के हर कोने से लाई गई संस्कृति की भव्यता है। यह गौरवशाली भवन नया इतिहास लिखेगा।”