भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत माल्प और मुल्की को लॉन्च किया है. सेना ने कोचीन शिपयार्ड में आठवीं एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत इन्हें पेश किया है. आत्मनिर्भर भारत की पहल के जरिए तैयार हुए ये पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत कई अत्याधुनिक और घातक हथियारों से लैस है. इन्हें कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने तैयार किया है. इसके लिए CSL और रक्षा मंत्रालय के बीच अप्रैल, 2019 में करार हुआ था.
नए पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत माल्प और मुल्की भारतीय नौसेना के अभय श्रेणी के एएसडब्लू कॉर्वेट को रिप्लेस करेंगे. इन्हें खासतौर पर तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी अभियान चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. जानिए इनकी खूबियां.
समुद्र में क्या-क्या करेगा नया पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत?
पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत माल्प और मुल्की का इस्तेमाल तटीय क्षेत्रों में एंटी-सब्मरीन ऑपरेशन चलाने में किया जाएगा. पानी की सतह पर निगरानी करने के साथ इसका इस्तेमाल रेस्क्यू ऑपरेशन में भी किया जा सकेगा. इसकी लम्बाई 78 मीटर और चौड़ाई 11.36 मीटर है.
इसे खासतौर पर पानी के नीचे निगरानी करने के लिए तैयार किया गया है. इसमें कई अत्याधुनिक हथियार लगे हैं जो दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है.यह हल्की वजन वाली टॉरपीडो, एंटी-सब्मरीन वॉरफेयर रॉकेट, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और रिमोट से कंट्रोल होने वाली गन से लैस है, जो इसे ताकतवर बनाते हैं.
Highlights of the Launching ceremony of two no's ASW SWC , BY 526 INS MALPE & BY 527 INS MULKI , Fourth & Fifth in the series of Eight vessel being build at CSL for @indiannavy held at CSL, today. pic.twitter.com/Clw5ZzspZp
— Cochin Shipyard Limited (@cslcochin) September 9, 2024
पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत की लॉन्चिंग के दौरान वाइस एडमिरल श्रीनिवास ने कहा, जहाजों का निर्माण आत्मनिर्भर होने, भू-राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए किया जा रहा है. ये स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए है. इसमें इस्तेमाल हुए लगभग सभी उपकरण भारत में तैयार किए गए हैं. इससे सीधा संदेश जाता है कि राष्ट्र समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है. ये जहाज परिचालन क्षमता को बढ़ावा देंगे.
अंडर वाटर सेंसर करेंगे अलर्ट
यह भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा. इस पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत में स्वदेशी और एडवांस अंडर वॉटर सेंसर लगाए गए हैं, जो पानी में होने वाली हरकत की जानकारी देंगे. पानी की गहराई में दुश्मन की हरकत पर नजर रखने के साथ किसी तरह के खतरे या दुश्मन की सब्मरीन मिलने पर अलर्ट करेंगे.
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के प्रबंध निदेशक मधु एस. नायर का कहना है, शिपयार्ड नसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है. हमने अमेरिकी नौसेना के साथ मास्टर जहाज मरम्मत समझौते पर हस्ताक्षर किए और सीएसएल स्ट्रैटेजिक एंड एडवांस्ड सॉल्यूशंस (सी-एसएएस) विशिष्ट क्षेत्रों में डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम कर रहा है. हमारा लक्ष्य जहाज निर्माण के लिए कोशिशें जारी रखना हैं.